विवादित कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वाइली ने मंगलवार को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स कमिटी को बताया कि उसकी कंपनी भारत में कांग्रेस पार्टी के लिए काम करती थी और उसने 'भारत में बड़े पैमाने' पर काम किया।
वाइली ने अपनी गवाही में यह स्वीकार किया, 'मैं मानता हूं कि कांग्रेस उनकी क्लाइंट थी। मैं जानता हूं कि उनलोगों ने सभी प्रकार के प्रोजेक्ट किए। मुझे किसी नेशनल प्रोजेक्ट का याद नहीं जो कि उनके पास हो, लेकिन मैं क्षेत्रीय प्रोजेक्ट के बारे में जानता हूं जो कि उनके पास था। उनके पास वहां दफ्तर और स्टाफ भी थे। मुझे विश्वास है कि भारत को लेकर मेरे पास कुछ दस्तावेज हैं, जिन्हें मैं उपलब्ध करा सकता हूं।'
पिछले सप्ताह जब यह खबर सामने आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और ब्रिटेन के ब्रेग्जिट जनमत संग्रह में कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक यूजर डेटा का गलत उपयोग करके वोटर्स की प्रोफाइल तैयार की थी तब भारत में कांग्रेस ने साफ तौर पर यह कहा था कि उसने कभी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं नहीं ली। मंगलवार को कांग्रेस ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि सरकार कंपनी और उसके भारतीय हिस्सेदारों के साथ ही फेसबुक के खिलाफ मिले साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत दिखाएं। प्रसाद ने इससे पहले फेसबुक को चेतावनी दी थी कि अगर उसने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यूजर डाटा का उपयोग किया तो सरकार उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
ये तो साफ है कि व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर वाइली का कांग्रेस और भारतीय राजनीति से कुछ भी लेनादेना नहीं है लेकिन उसकी गवाही देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। इस मामले में कांग्रेस को जबाव देना मुश्किल हो रहा है क्योंकि पार्टी ने अपने पहले के बयान में यह कहा था कि कैंब्रिज एनालिटिका से उसका कोई लेनादेना नहीं हैं। अब क्रिस्टोफर वाइली की गवाही से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि वाइली खुद कैंब्रिज एनालिटिका का कर्मचारी रहा है।
मंगलवार को जब क्रिस्टोफर वाइली ने बयान दिया तो रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2014 के चुनाव में कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं लेने का आरोप लगाया। लेकिन लगता है सुरजेवाला ने वाइली की पूरी बात ध्यान से नहीं सुनी..क्योंकि क्रिस्टोफर वाइली ने हाउस ऑफ कॉमन्स की समिति के सामने अपनी गवाही में साफ-साफ कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत के कई राज्यों में तो काम किया है, लेकिन कभी राष्ट्रीय स्तर पर आम चुनाव में काम नहीं किया। इसीलिए अब कांग्रेस को जल्दीबाजी में बयान देने के बजाए सोच समझ कर जबाव देना चाहिए क्योंकि यह मामला कांग्रेस को बड़ा सियासी नुकसान पहुंचा सकता है। (रजत शर्मा)