भारतीय युवा कांग्रेस ने बुधवार को अपने लीगल सेल के हेड अलीजो के. जोसेफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जोसेफ 3,600 करोड़ रुपये की वीवीआईपी चॉपर डील में ऑगस्टा वेस्टलैंड के बिचौलिए और ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के लिए वकील के तौर पर पेश हुए थे। जब भाजपा ने यह मामला उठाया, तब जोसेफ ने कहा था कि वह भले ही कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, लेकिन वह वकील के रूप में अपनी निजी और पेशेवर क्षमता में पेश हुए थे। इसके बाद शाम को भारतीय यूथ कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
अभी जोसेफ का किसी राजनीतिक दल का सदस्य होना मुद्दा नहीं है। इससे कहीं बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार है। क्रिश्चियन मिशेल और उसके दो सहयोगियों पर 12 अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों और वायु सेना के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। 2013 में भारत से भागने के बाद मिशेल संयुक्त अरब अमीरात में छिप गया था। उस समय तत्कालीन रक्षामंत्री ने डील को रद्द करते हुए स्वीकार किया था कि रिश्वत का भुगतान हुआ है। मिशेल दुबई में पिछले साल से ही गिरफ्त में था, और उसे भारत प्रत्यर्पित कराने का पूरा श्रेय भारत सरकार और CBI की कड़ी मेहनत को जाता है।
मिशेल इस समय सीबीआई की हिरासत में है, और माना जा रहा है कि वह राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों को दिए गए रिश्वत के बारे में खुलासा करेगा। और इससे निश्चित तौर पर दिल्ली के लुटियंस जोन में अच्छी-खासी खलबली मचने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी राजस्थान रैली में पहले ही इसके बारे में संकेत दे दिए हैं।
इसके अलावा, मिशेल के भारत प्रत्यर्पित होने के बाद अब विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे विदेशों में छुपे दूसरे आर्थिक घोटालेवाजों को वापस लाए जाने की उम्मीद बढ़ गई है। ये घोटालेबाज भी बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेकर भारत से फरार हैं। मिशेल के प्रत्यर्पण ने उन घोटालेवाजों के मन में निश्चित तौर पर खौफ पैदा कर दिया है। विजय माल्या ने ट्वीट भी किया है कि वह बैंकों से लिए गए कर्जे का ‘100 प्रतिशत मूलधन वापस करने के लिए’ तैयार है। (रजत शर्मा)
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