बुधवार को चेन्नई पहुंचने के तुरंत बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति को CBI द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया जहां एक स्थानीय अदालत ने उन्हें एक दिन की रिमांड पर भेज दिया। कार्ति को INX Media के प्रमोटर्स पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया, जो फिलहाल शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। मुखर्जी दंपति ने CBI के सामने कबूल किया था कि उन्होंने कार्ति को उनके पिता और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के निर्देश पर 7 लाख अमेरिकी डॉलर दिए थे।
एक मैजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में इंद्राणी मुखर्जी ने कबूल किया था कि उसने और पीटर ने तत्कालीन वित्त मंत्री से नॉर्थ ब्लॉक में स्थित उनके दफ्तर में मुलाकात की थी। यह मुलाकात मुखर्जी की कंपनी में हुए विदेशी निवेश के लिए FIPB (फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड) से क्लीयरेंस हासिल करने के लिए की गई थी जो 2007 में आयकर विभाग द्वारा कुछ अनियमितताएं पकड़े जाने के बाद पेंडिंग थी। इंद्राणी मुखर्जी ने कबूल किया था कि पी. चिदंबरम ने तब मुखर्जी दंपति को ‘उनके बेटे के कारोबार में मदद करने के लिए और इसके लिए विदेशी चैनलों से पैसे देने के लिए’ कहा था।
मुखर्जी दंपति के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने कार्ति चिदंबरम से एक फाइव-स्टार होटल में मुलाकात की, जहां कार्ति ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की। इंद्राणी ने CBI और ED, दोनों के सामने कबूल किया कि उनकी फर्म ने इसके बाद कार्ति चिदंबरम से जुड़ी विदेशी कंपनियों को 7 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया। बुधवार रात अपने शो ‘आज की बात’ में मैंने कार्ति की कंपनियों द्वारा INX मीडिया के लिए जारी किए गए इनवॉयसेज का ब्योरा दिया था जो साफ तौर पर इस बात को उजागर कर रहे थे।
कार्ति चिदंबरम से जुड़े केस के फैक्ट्स अपनी जगह हैं और इनपर अदालत फैसला लेगी। लेकिन इस मामले पर जो सियासत हो रही है वह देखने वाली चीज है। कांग्रेस का आरोप है कि हजारों करोड़ का बैंक घोटाला कर देश छोड़कर भाग चुके ज्वेलर नीरव मोदी के केस को दबाने के लिए सरकार ने CBI से कार्ति चिदंबरम को अरेस्ट करा दिया। लेकिन हकीकत यह है कि INX मीडिया वाला केस सरकार ने नहीं बल्कि डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है, और इस केस की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है। दस्तावेजों से साफ है कि पैसा कार्ति चिदंबरम की कंपनियों को दिया गया है, और वह भी ऐसे वक्त जब एक कंपनी की FIPB क्लीयरेंस पेंडिंग थी और उनके पिता वित्त मंत्री थे। इसलिए यह कहने से काम नहीं चलेगा कि नीरव मोदी के केस से लोगों का ध्यान हटाने के लिए CBI ने कार्ति को गिरफ्तार किया है। (रजत शर्मा)