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Rajat Sharma Blog: पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना स्थायी समाधान हो सकता है

कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल की राज्य सरकारों ने वैट कम करने से इनकार दिया। मतलब इन राज्यों के लोगों को पेट्रोल-डीजल फिलहाल मंहगा ही मिलेगा।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: October 05, 2018 18:32 IST
Rajat Sharma Blog: Bringing fuel products under GST can be a durable solution- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Bringing fuel products under GST can be a durable solution

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की जबकि तेल की मार्केटिंग करनेवाली कंपनियों ने भी 1 रुपये प्रति लीटर दाम घटा दिये, जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम प्रति लीटर 2.50 रुपये तक कम हो गए। 

अरुण जेटली ने सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि वे पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दर प्रति लीटर 2.50 रुपये कम कर दें। बीजेपी शासित अधिकांश राज्यों ने तुरंत वैट घटाने का फैसला लिया जिससे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम प्रति लीटर 5 रुपये कम हो गए। फिर भी कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल की राज्य सरकारों ने वैट कम करने से इनकार दिया। मतलब इन राज्यों के लोगों को पेट्रोल-डीजल फिलहाल मंहगा ही मिलेगा। 

 
वैसे ये बात सही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यह बढ़ोतरी ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध और ओपेक (OPEC) देशों द्वारा तेल का उत्पादन कम करने की वजह से हुई है। मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होने की वजह से तेल के दाम बढ़े हैं। वहीं, अमेरिका और चाइना के बिजनेस वॉर (व्यापार युद्ध) का असर दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

रुपये की कीमत लगातार गिर रही है और गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले अपने निचले स्तर 73.81 रुपए पर पहुंच गया। ये सारे फैक्टर्स मिलकर हमारी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान कर सकते हैं। लेकिन वित्त मंत्री जेटली ने भरोसा जताया कि हमारी अर्थव्यवस्था के बेसिक पैरामीटर्स मजबूत हैं। यहां तक कि यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों में समस्याएं आती हैं तब भी भारत की अर्थव्यवस्था इस उथल-पुथल को झेल लेगी। लेकिन अगर इसी हिसाब से तेल की कीमतें बढ़ती रहीं तो सरकार ने गुरुवार को जो पांच रूपए प्रति लीटर की कटौती की है, उसका फायदा महज दस से पन्द्रह दिनों तक ही मिलेगा। क्योंकि एक-दो हफ्ते में पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर उसी स्तर पर पहुंच जाएगी। 

इसलिए मौजूदा परिस्थितियों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने का एक ही उपाय है। सभी पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाया जाए। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होंगी और कम से कम पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक जैसी तो होंगी। (रजत शर्मा)

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