कश्मीर घाटी में मंगलवार को सेना के हवलदार मोहम्मद अशरफ मीर की अंतिम यात्रा में सैकडों कश्मीरी शामिल हुए। एक लंबे अंतराल के बाद कश्मीरी सेना के किसी जवान के जनाज़े में पहुंचे। इस दौरान लोगों ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए। इससे बाकी दुनिया में यह संदेश गया है कि आतंकियों द्वारा जारी नासमझी भरी हिंसा से आम कश्मीरी ऊब चुका है। पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ छेड़े गए इस छद्म युद्ध की वजह से करीब 27 साल से घाटी हिंसा की आग में जल रही है।
इससे पहले कई बार ऐसी खबरें और तस्वीरें आती थी जब आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव होता था। कुछ लोग आतंकवादियों को बचाने के लिए जवानों के सामने ढाल बनकर खड़े हो जाते थे। लेकिन वक्त बदला है और आज की तस्वीरें देखकर भरोसा होता है कि अब कश्मीर में लोगों की सोच बदली है। लोग रोज-रोज के खून खराबे से तंग आ चुके हैं और आतंकवाद से परेशान हैं। कश्मीर की आम जनता आतंकवाद से मुक्ति चाहती है और अब सुरक्षा बलों के साथ है। इससे सेना का काम आसान होगा। जवानों की अंतिम यात्रा में लोगों का यह समर्थन एक अच्छा संकेत है। कश्मीर के लोग भी सुख चैन से जीना चाहते हैं। एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं। (रजत शर्मा)