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Rajat Sharma’s Blog: मामलों में तेज वृद्धि के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर्स से सावधान रहें

30 दिनों के लॉकडाउन के लागू होने के बाद वायरस का प्रसार बहुत तेजी से नहीं हुआ है, लेकिन मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर जैसे हॉटस्पॉट्स में मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: April 24, 2020 15:14 IST
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India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma | India TV

दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों ने गुरुवार को इंडिया टीवी पर शिकायत की कि कुछ झगड़ालू किस्म के मरीज अपने मास्क उतार कर उन्हें घातक वायरस से संक्रमित करने की धमकी दे रहे हैं। ये मरीज डॉक्टरों को गालियां दे रहे हैं और खौफनाक हरकतें कर रहे हैं। ये मरीज कौन हैं? आप इसका अनुमान आसानी से लगा सकते हैं।

गुरुवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से बात की। उन्होंने कहा कि एक अध्यादेश पहले ही लाया जा चुका है, और यदि डॉक्टरों या स्वास्थ्य कर्मचारियों को धमकाया जाता है, तो वे पुलिस से रोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद एसएचओ को एक महीने के भीतर जांच करनी होगी और मामला दर्ज करना होगा।

मुझे लगता है कि यह प्रावधान केवल गंभीर मामलों के लिए है, और यह डॉक्टरों एवं नर्सों पर हमले की सूरत में ही लागू होगा। ऐसी घटनाओं से तुरंत निपटने के लिए COVID-19 का इलाज कर रहे अस्पतालों में पुलिस की तैनाती की जानी चाहिए, ताकि दोषियों से सख्ती से निपटा जा सके। LNJP के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से बात करने और उन्हें कार्रवाई करने के लिए कहने का वादा किया।

यदि भारत में कहीं भी किसी भी डॉक्टर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ COVID-19 के मामलों से निपटने के दौरान दुर्व्यवहार किया जाता है या उनके ऊपर हमला किया जाता है, तो वे बेझिझक मुझसे मेरे फोन नंबर 9350593505 पर संपर्क कर सकते हैं। मैं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री समेत उच्चाधिकरियों के सामने ऐसे मामले उठाने का वादा करता हूं।

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या बुधवार के 21,358 के मुकाबले 8.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ गुरुवार को 23,113 हो गई। गुरुवार को 1,755 नए मामले सामने आए जो एक दिन में हुई सबसे तेज वृद्धि है। इस वायरस से संक्रमण के चलते अब तक 721 लोगों की मौत हो चुकी है। इस लिस्ट में मुंबई सबसे ऊपर है, जबकि दिल्ली दूसरे नंबर पर है। हालांकि 30 दिनों के लॉकडाउन के लागू होने के बाद वायरस का प्रसार बहुत तेजी से नहीं हुआ है, लेकिन मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर जैसे हॉटस्पॉट्स में मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। ऐसा सुपर स्प्रेडर्स के कारण है जो बड़ी संख्या में लोगों तक वायरस पहुंचा रहे हैं।

राजस्थान का अजमेर भी गुरुवार को इस लिस्ट में शामिल हो गया और उसमें भी हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती की विश्व प्रसिद्ध दरगाह के आसपास का इलाका हॉस्पॉट है। यहां संक्रमित पाए गए 107 लोगों में से 94 लोगों तक कोरोना का वायरस सिर्फ एक सुपर स्प्रेडर ने पहुंचाया। दरगाह के पास ही टोपियां बेचने वाले राशिद ने हाल ही में वहां सब्जियां बेचने का काम शुरू किया था। सबसे पहले वह संक्रमित हुआ और इसके बाद यह वायरस राशिद के जरिए उसके 15 परिजनों और 5 दोस्तों में पहुंच गया। इन दोस्तों से वायरस उनकी पत्नियों में पहुंचा, और वहां से उन घरों में जहां वे काम करती थीं। अब तक 343 लोग क्वॉरन्टीन किए जा चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि राशिद में वायरस के लक्षण थे लेकिन उसे अस्पताल तब लाया गया जब उसकी हालत काफी बिगड़ गई। तब तक यह वायरस उसके जरिए 94 अन्य लोगों में फैल चुका था।

एक और सुपर स्प्रेडर मुबारक अली नाम का शख्स था, जो 12 मार्च को ओमान से दिल्ली लौटा था। उसे उस समय भी बुखार था, लेकिन उसने बुखार उतारने के लिए पैरासिटामॉल की गोलियां लीं, एयरपोर्ट की स्क्रीनिंग पास की, और राजस्थान रोडवेज की बस पकड़ कर जयपुर के रामगंज के लिए रवाना हो गया। मुबारक को 14 दिन के लिए होम क्वॉरन्टीन की सलाह दी गई थी, लेकिन वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलता रहा। इस दौरान मुबारक लगभग 200 लोगों से मिला, उनके साथ दावतें कीं, और उन लोगों तक भी वायरस पहुंचा दिया।

आग में घी डालने का काम तबलीगी जमात के 5 सदस्यों ने किया जो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से आए और उसी इलाके में स्थित रहमानिया मस्जिद में रुक गए। इसके चलते और भी लोगों में वायरस फैल गया। आज रामगंज इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। इस इलाके की चारों तरफ से घेराबंदी कर दी गई है और लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी भी लोगों को ट्रेस करने में जुटी है।

एक और सुपर स्प्रेडर बेंगलुरु के होंगसंदरा इलाके में मिला जो बिहार का एक प्रवासी मजदूर था। टीबी की बीमारी के चलते उसके फेफड़े पहले से ही कमजोर थे। वह अपने साथ रहने वाले बाकी मजदूरों के लिए खाना बनाता था। उसके जरिए यह वायरस 9 अन्य प्रवासी मजदूरों तक गया और फिलहाल लगभग 200 लोगों पर तलवार लटकी हुई है। अब उसके साथ रहने वाले करीब 120 लोगों को, और उसे अस्पताल ले जाने वाले ऑटो ड्राइवर एवं उसके परिजनों को भी क्वॉरन्टीन में रखा गया है।

पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इनमें एक 12 साल की लड़की समेत 6 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं। 3 भाइयों का यह परिवार एक ही प्लॉट पर बनी दो मंजिला इमारत में रहता है। परिवार के सदस्यों में से एक का इलाज साकेत के मैक्स अस्पताल में चल रहा है। जब सभी 18 सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच की गई, तो 7 लोग निगेटिव, जबकि 12 अन्य पॉजिटिव पाए गए। उन्हें जगप्रवेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरी हकीमजी गली और आसपास की गलियों को सील कर दिया गया है। प्रशासन ने इन मरीजों के नाम नहीं बताए हैं।

लखनऊ की बात करें तो 99 मरीजों के साथ यहां के कसाइबाड़ा इलाके में एक और हॉटस्पॉट बन गया है। यहां से पहली बार 5 अप्रैल को संक्रमण की खबर सामने आई जब अली जान मस्जिद में छिपे 12 तबलीगी जमात के सदस्यों का पता चला और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वे सभी बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। उस समय तक चेन रिऐक्शन की शुरुआत हो चुकी थी जो अभी भी जारी है। मस्जिद के केयरटेकर मिराजुद्दीन और उनके परिवार के सदस्य भी संक्रमित पाए गए। एक पड़ोसी और उसके परिवार के सदस्यों का रिजल्ट भी पॉजिटिव आया। एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता शीबा, जो नियमित रूप से मस्जिद जाती थीं, उन्हें भी पॉजिटिव पाया गया। संक्रमण के मामलों में उछाल तब आया जब एक जनरल स्टोर चलाने वाले हरिराम गुप्ता और उनके कर्मचारी भी पॉजिटिव पाए गए। इरफान नाम का एक अन्य शख्स, जो एक कम्युनिटी किचन में काम करता था, भी वायरस की चपेट में आ गया और कुल संख्या अब 99 तक पहुंच गई है। सोचिए, यदि जमाती मस्जिद के अंदर नहीं छिपते, तो यह संख्या यहां तक नहीं पहुंचती।

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद अभी भी छिपे हुए हैं और उन्होंने अभी तक जमातियों को बाहर आने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए कोई अपील जारी नहीं की है। वक्त बीतने के साथ ही यह एक बड़ी चुनौती बन गया है और छिपे हुए जमाती अभी भी इस खतरनाक वायरस के सुपर स्प्रेडर के तौर पर काम कर रहे हैं। मैं एक बार फिर मौलाना साद से अपील करता हूं कि वह अपने उन समर्थकों से बाहर आने और खुद का टेस्ट कराने के लिए कहें जो कि अभी भी छिपे हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी लगभग 400 जमाती छिपे हुए हैं। यदि वे बाहर नहीं आए और सुपर स्प्रेडर बन गए तो यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 अप्रैल, 2020 का पूरा एपिसोड

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