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Rajat Sharma’s Blog: कोविड टीकाकरण की मुहिम में रोड़े अटकाने की कोशिश करने वालों से सावधान रहें

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया हमारे वैज्ञानिकों पर, हमारे डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों पर यकीन कर रही है, तो हमारे देश के कुछ अपने लोग स्वदेशी वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : January 12, 2021 19:37 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

भारत में कोविड-19 महामारी के खिलाफ आखिरी जंग का आगाज हो गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि मंगलवार को 4 विमानन कम्पनियों, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, गोएयर और इंडिगो की मदद से हवाई मार्ग के जरिए पुणे से देश के 13 प्रमुख शहरों में कोविशील्ड वैक्सीन की 56.5 लाख खुराकें भेजी गईं। उन्होंने बताया कि इनमें दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, गुवाहाटी, शिलॉन्ग, हैदराबाद, अहमदाबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे शहर शामिल हैं।

राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण मुहिम की औपचारिक शुरुआत 16 जनवरी को होगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से कोविशील्ड की एक करोड़ 10 लाख डोज का शुरुआती ऑर्डर मिल गया है। सोमवार की शाम को ही 6 रेफ्रिजरेटेड ट्रक पुलिस की कड़ी सुरक्षा में वैक्सीन की डोज ले जाने के लिए पुणे में स्थित SII के प्लांट में पहुंच गए थे। वैक्सीन की डोज देश भर में हवाई जहाज के जरिए भेजने के लिए ये ट्रक मंगलवार की सुबह SII की प्लांट से वैक्सीन लेकर निकल गए थे।

अस्पतालों, राज्य सरकारों, लॉजिस्टिक फर्मों ने कोविड वैक्सीन को चोरी या उठाईगीरी से बचाने के लिए अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त कर लिया है। वैक्सीन के निर्माता भी इस बात को लेकर सतर्क हैं कि कोई कोविशील्ड वैक्सीन की जाली शीशियां बनाने की कोशिश न करे। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कोविशिल्ड और कोवैक्सिन, जिसे भारत बायोटेक ने निर्मित किया है, दोनों ही टीकों को टीकाकरण कार्यक्रम के शुरुआती चरण में लगाया जाएगा। इसके अलावा 4 और वैक्सीन ऐसी हैं जिन्हें मंजूरी मिलने पर बाद के चरणों में शामिल किया जा सकता है।

देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई एक वर्चुअल बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ऐसे ‘शरारती तत्वों’ के खिलाफ सतर्क रहने के लिए आगाह किया, जो अफवाह और गलत जानकारियां फैलाकर टीकाकरण की मुहिम में रोड़े अटकाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा, लगभग 3 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मचारियों को पहले चरण में मुफ्त टीके दिए जाएंगे। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा।

मोदी ने कहा फ्रंटलाइन वर्कर्स में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन के स्वयंसेवक और नागरिक सुरक्षा में लगे अन्य जवान शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा पहले ही टीकाकरण शुरू किए जाने के बावजूद दुनिया भर में अब तक केवल 2.5 करोड़ लोगों को ही टीका लगाया जा सका है, जबकि भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है। 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में टीकों की लॉन्चिंग में देरी को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। कुछ लोग चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि जहां अन्य देशों ने टीकाकरण की मुहिम शुरू कर दी थी, वहीं भारत पिछड़ गया था। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैंने हमेशा कहा है कि इस विषय पर साइंटिफिक कम्युनिटी जो कहेगी, वही हम करेंगे, उसी को हम फाइनल मानेंगे और उसी प्रकार चलते रहेंगे।’ मुख्यमंत्रियों को अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आगाह करते हुए मोदी ने कहा, ‘हमें धार्मिक और सामाजिक संगठनों और पेशेवर निकायों के जरिए देश के प्रत्येक नागरिक तक सही जानकारी पहुंचाकर इस तरह की सभी साजिशों को नाकाम करना होगा।’

प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को अपने जिलाधिकारियों के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह चुनावों को लेकर बूथ लेवल तक तैयारी होती है, पोलिंग बूथ वर्कर्स को गाइड किया जाता है, उसी तरह की तैयारी कोरोना वैक्सीन को लेकर हुई है और अब पूरे प्लान को एक्जिक्यूट करने की जिम्मेदारी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की है।

मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की मीटिंग के फौरन बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने एक बयान में कहा कि वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं इसलिए अच्छा यही होगा कि पहले प्रधानमंत्री खुद टीका लगाकर इस मिशन की शुरुआत करें। नेताओं द्वारा दिए गए ऐसे हल्के बयान लोगों के मन में अनावश्यक भय पैदा करते हैं। ऐसे बयान उन आशंकाओं की भी पुष्टि करते हैं जो प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जताई थीं।

वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में भ्रम पैदा करना टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने के हमारे संकल्प को कमजोर कर सकता है। ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि फिलहाल हमारे देश में 9 अलग-अलग कोविड वैक्सीन पर काम चल रहा है। मैंने ‘आज की बात’ के अपने पिछले शो में कहा था कि दुनिया की आधी आबादी जब कोविड के टीके लगवाएगी तो उसके लेबल पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात होनी चाहिए।

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया हमारे देश पर, हमारे वैज्ञानिकों पर, हमारे डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों पर यकीन कर रही है, तो हमारे देश के कुछ अपने लोग स्वदेशी वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे ज्यादा दुख की बात और क्या हो सकती है। हम आखिरकार कोविड महामारी खिलाफ चल रही जंग जरुर जीतेंगे, लेकिन साथ ही हमें उन शरारती तत्वों से सावधान रहना चाहिए जो कोविड टीकाकरण की ऐतिहासिक मुहिम में रोड़े अटकाने की कोशिश कर सकते हैं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 11 जनवरी, 2021 का पूरा एपिसोड

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