भारत की सर्वोच्च क्रिकेट संस्था बीसीसीआई को चलानेवाली प्रशासकों की समिति ने अंतराराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भेजने के लिए एक चिट्ठी तैयार की है, जिसमें भारत में पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के कारण आगामी आईसीसी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में पाकिस्तान के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में शोक और गुस्से की लहर है और अगर देश के लोगों की भावनाओं को समझा जाए तो बीसीसीआई का कदम बिल्कुल सही है। देश के लोग अब पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, चाहे वो किसी भी रूप में क्यों न हो। भारत पहले ही पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा चुका है, जिससे पाकिस्तान से आनेवाली वस्तुओं में एक आभासी गतिरोध पैदा हुआ है। बॉलीवुड के निर्माताओं और सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन ने पाकिस्तानी कलाकारों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। और अब बीसीसीआई ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है।
वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को मुकाबला होना है लेकिन देश का मूड पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलने के बिल्कुल खिलाफ है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और नागपुर के बीसीसीआई दफ्तरों में पिक्चर गैलरी से पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों के चित्र हटा दिए गए हैं।
भारत का आम आदमी भी चाहता है कि कश्मीर में हमला करनेवाले आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देनेवाले पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई हो। अगर पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में खेलने की इजाजत दी गई तो नियमों के मुताबिक भारत को अपने दुश्मन देश के खिलाफ खेलना पड़ेगा। अगर भारत खेलने से इनकार करता है तो उसके अंकों के स्तर पर तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा, भारी पेनाल्टी भी देनी पड़ेगी। इसलिए बीसीसीआई ने वर्ल्ड कप से पाकिस्तान को बाहर करने की मांग करके बेहद चतुराई भरा कदम उठाया है। यह समय की जरूरत है और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई का कदम बिल्कुल सही है। इस देश का आम नागरिक अपने क्रिकेटरों को पाकिस्तानियों के साथ खेलते हुए नहीं देखना चाहता है। (रजत शर्मा)
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