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Rajat Sharma's Blog: शरजील की गिरफ्तारी काफी नहीं, देश तोड़ने की साजिश रचने वाले बेपर्दा होने चाहिए

कोई भी देशभक्त भारतीय ऐसी देशद्रोही टिप्पणी नहीं कर सकता है, खासतौर पर ऐसे समय में जब विरोधी ताकतें राजनीति को सांप्रदायिक रंग देकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : January 29, 2020 18:39 IST
Rajat Sharma'sBlog: Arresting Sharjeel is not enough, unmask those who planned anti-national conspir
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma'sBlog: Arresting Sharjeel is not enough, unmask those who planned anti-national conspiracy

दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी से पूरे भारत में सीएए के विरोध का गलत फायदा उठाने की कोशिश करने वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों के मंसूबे जाहिर होते हैं। शरजील इमाम को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भड़काऊ भाषण देने के लिए 5 राज्यों (यूपी, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली) में राजद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। अपने विवादित भाषण में वह पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की बात कर रहा था। वीडियो में उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, ‘असम और इंडिया कटके अलग हो जाए, तभी ये हमारी बात सुनेंगे।’

कोई भी देशभक्त भारतीय ऐसी देशद्रोही टिप्पणी नहीं कर सकता है, खासतौर पर ऐसे समय में जब विरोधी ताकतें राजनीति को सांप्रदायिक रंग देकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। शरजील इमाम दिल्ली के शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाओं को लामबंद करने वाले मुट्ठी भर छात्र नेताओं में से एक था। दिल्ली पुलिस को इस बात का श्रेय जाता है कि उसने सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के 48 घंटे के भीतर ही शरजील को गिरफ्तार कर लिया। गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।

शरजील इमाम, उसके भाई और एक अन्य जेएनयू छात्रा आफरीन फातिमा के भड़काऊ भाषणों को सुनने के बाद कुछ कन्फ्यूजन दूर हुए हैं। अब तक ये इंप्रेशन दिया जा रहा था कि सीएए और एनआरसी पर मुसलमानों के मन में डर है, लेकिन इनके भाषणों को सुनने के बाद पता चलता है कि पर्दे के पीछे का खेल कुछ और ही था। देशभर में, और खास तौर पर शाहीन बाग में, सीएए के विरोध के लिए नापाक मंसूबे के साथ बहुत ही सोच-समझकर प्लानिंग की गई थी। मुसलमान डर के मारे सड़कों पर नहीं निकला, बल्कि विरोध-प्रदर्शनों में आने और शामिल होने के लिए नापाक लोगों द्वारा उन्हें डराया और गुमराह किया गया है।

यह काम सिर्फ भाषणों से ही नहीं हुआ है। एक मुस्लिम संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा इसकी प्लानिंग की गई थी, और उसके समर्थकों ने यूपी के शहरों में आगजनी और हिंसा की थी। इसके अलावा PFI की तरफ से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में 134 करोड़ रुपये बांटे गए थे। यह पैसा कहां से आया? यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं हो सकता कि शाहीन बाग में धरना PFI कार्यालय के ठीक बाहर हो रहा है। यह एक बड़ी राष्ट्र-विरोधी साजिश का हिस्सा लगता है। भड़काऊ भाषण देने वालों पर नकेल कसी जा रही है, लेकिन इस साजिश के पीछे के असली किरदार जल्द से जल्द बेपर्दा होने चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 28 जनवरी 2020 का पूरा एपिसोड

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