पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के 17 दिन बीत जाने के बाद भी उनकी यादें दिलो-दिमाग पर छाई हुई हैं। राजनीतिक जगत के उनके दोस्तों, परिचितों और प्रशंसकों ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक शोकसभा में दिवंगत नेता को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेटली को 'मेरा छोटा दोस्त' (मेरा युवा दोस्त) के रूप में याद करते हुए कहा 'मैं अपने छोटे दोस्त की कमी हर क्षण महसूस करता हूं.. हम सभी के पास अरुण जी के बारे में कई यादें हैं, लेकिन मेरे बारे में सोचिए जिसका उनके साथ 30-35 वर्षों का लंबा संबंध रहा।'
बेहद भावुक स्वर में प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी के सामने कभी ऐसी परिस्थिति न आए जब उसे उम्र में छोटे दोस्त के प्रति श्रद्धांजलि और संवेदना व्यक्त करनी पड़े। पीएम मोदी 69 वर्ष के हैं, और जेटली का 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
78 वर्षीय एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा: 'आज मैं अरुण जी से दुखी हूं, क्योंकि उन्हें मुझसे पहले जाने का कोई अधिकार नहीं था।'
अरुण जेटली की प्रतिभा और उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को शब्दों में बयान करना संभव नहीं है। अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने के लिए लफ्ज हमेशा कम पड़ते हैं। उन्हें असली श्रद्धांजलि तो उनकी सलाह पर चल कर दी जा सकती है। अरुण जेटली के व्यक्तित्व का बड़ा पहलू ये था कि वो कभी भी अपनी तकलीफ या परेशानी की न तो बात करते थे और न ही उसकी चिंता करते थे। वे हमेशा दूसरों की चिन्ता करते थे। वे देश और समाज की चिंता करते थे। दोस्तों को मुसीबत से बचने का रास्ता बताते थे। कौन आदमी किस काम के लिए उपयुक्त है, ये बताने में माहिर थे....और हर व्यक्ति को उसकी सही जगह तक पहुंचाने की कोशिश करते थे।
अरुण जेटली के साथ ज्ञान का एक बड़ा भंडार, एक बड़ा खजाना दुनिया से चला गया। उनके निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, मुझे नहीं लगता कि वो कभी भर पाएगा। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 10 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड