प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा में कुंडली को मानेसर और पलवल से जोड़नेवाले वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करते हुए एक अहम बात कही। मोदी ने कहा, यह एक्सप्रेसवे यूपीए शासन के दौरान आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही बन जाना चाहिए था, लेकिन देरी की वजह इस परियोजना की लागत इसके अनुमानित लागत से तीन गुना बढ़ गई। आपको बता दें कि वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर से गुजरने वाले वृताकार एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा है।
मोदी ने कहा, इस पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण में देरी जनता के पैसों की बर्बादी का एक ऐसा मामला है जिसकी केस स्टडी की जा सकती है। यदि इसका निर्माण समय पर हो जाता तो वायु प्रदूषण की मार से भी बचा जा सकता था। नया पेरीफेरल एक्सप्रेसवे चालू हो जाने से दिल्ली की सड़कों को 50 हजार ट्रक और अन्य गाड़ियों से निजात मिलेगी। ये गाड़ियां दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगी और पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के जरिए अपने गंतव्य की ओर जाएंगी। इससे जाम, सड़क हादसे और धुएं से होनेवाले प्रदूषण से राहत मिलेगी।
केवल ट्रकों को दिल्ली की सड़कों से हटा देना ही वायु गुणवत्ता में सुधार लाने का एकमात्र उपाय नहीं है। हरियाणा और पंजाब में किसान अभी-भी पराली जला रहे हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण हो रहा है।
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सिल्वर आयोडाइड का इस्तेमाल कर क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश के उपाय भी सुझाए हैं। जाड़े के दिनों में दिल्ली में पैदा होनेवाली धुंध को कृत्रिम बारिश से खत्म किया जा सकता है। चीन ने क्लाउड सीडिंग के प्रयोग में सफलता पाई है।
पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल प्राधिकरण के प्रमुख भूरे लाल ने एक हफ्ते पहले कहा था कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश की योजना तैयार की जा रही है। कुछ अखबारों में भी यह खबर आई कि क्लाउड सीडिंग 21 नवंबर को की जाएगी, लेकिन अभी तक इस तरह की तैयारी के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के साथ बेहतर समन्वय से ही क्लाऊड सिडिंग संभव हो पाएगा। इंडिया टीवी संवाददाता ने आईएमडी, डीजीसीए और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की लेकिन इन अधिकारियों ने कृत्रिम बारिश की किसी योजना के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। अगर ऐसी कोई योजना है तो दिल्ली के निवासियों को वायु प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए इसपर तेजी से अमल करना होगा। (रजत शर्मा)