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Rajat Sharma Blog: आडवाणी, जोशी की लोकसभा चुनाव न लड़ने की पेशकश सही दिशा में उठाया गया कदम है

इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने खबर दी थी कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, लाल कृष्ण आडवाणी (उम्र 91 वर्ष) और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी (उम्र 85 वर्ष) ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की पेशकश की है। 

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : March 20, 2019 15:49 IST
Rajat Sharma Blog: Advani, Joshi offering not to contest LS polls is a step in the right direction
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Advani, Joshi offering not to contest LS polls is a step in the right direction

इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने खबर दी थी कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, लाल कृष्ण आडवाणी (उम्र 91 वर्ष) और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी (उम्र 85 वर्ष) ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की पेशकश की है। मेरे ख्याल से यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। ये दोनों दिग्गज पार्टी के मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं, और अब उन्होंने सक्रिय राजनीति से अलग होने की पेशकश की है।

2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार (उम्र 84 वर्ष) से चुनाव न लड़ने का अनुरोध किया गया था। उन्हें राज्यसभा सीटों की पेशकश की गई थी, लेकिन तीनों नेताओं ने तब चुनाव लड़ने का विकल्प चुना था। इस बार आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव नहीं लड़ने की पेशकश की और पार्टी नेतृत्व ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि आडवाणी, जोशी और शांता कुमार जैसे दिग्गजों ने अपने जीवन के अधिकांश समय भारतीय जनसंघ (बाद में बीजेपी) को खड़ा करने में कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने जनता के बीच काम किया और पार्टी के संदेश को उस समय फैलाया जब वह मुख्यधारा की भारतीय राजनीति के हाशिए पर थी।

यह आडवाणी का ही नेतृत्व था जिसकी छत्रछाया में भाजपा का संगठन देश के सभी इलाकों में दूर-दूर तक फैला। पार्टी प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज जैसे नेता राजनीतिक क्षितिज पर उभरे। लेकिन अब समय बदल गया है। पार्टी नए चेहरों को मैदान में उतारना चाहती है और अपने पुराने दिग्गजों को चुनावी राजनीति की हलचल से आराम देना चाहती है।

भारत में इस समय युवा और ऊर्जा से भरपूर वोटर्स की बड़ी संख्या है और नई पीढ़ी को राजनेताओं की एक नई कतार की जरूरत है। किसी भी जीवंत और गतिशील पार्टी को खुद को बनाए रखने के लिए युवा राजनेताओं की नई खेप की जरूरत पड़ती है। अब पुरानी पीढ़ी को विदा करने का समय आ गया है। (रजत शर्मा)

देखें, आज की बात रजत शर्मा के साथ, 19 मार्च 2019 की रिपोर्ट

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