शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई क्षेत्रों में कारोबारियों को राहत देते हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अंतर्गत कई रियायतों का ऐलान किया। 27 वस्तुओं की GST दरों में कटौती की गई है। कंपोजिशन स्कीम के तहत वैसे कारोबारी जिनका टर्नओवर डेढ़ करोड़ है उन्हें अब तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करना होगा। इससे पहले इन कारोबारियों को हर महीने रिटर्न दाखिल करना होता था। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 50 हजार रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता से जुड़ी इससे पहले की अधिसूचना को वापस ले लिया गया। यह समय पर लिए गए स्वागत योग्य कदम हैं, क्योंकि ज्वैलर्स और सर्राफा बाजार के लोग कई महीनों से परेशान थे। कंस्ट्रक्शन में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले शिकायत कर रहे थे। एक्पोटर्स के पास कैश नही था। छोटे व्यापारियों को हर महीने GST रिजटर्न फाइल करने में दिक्कतें हो रही थी। शुक्रवार को इन सबको राहत मिली। जिस-जिस सेक्टर में शिकायतें मिलीं उन सेक्टर्स में GST में बदलाव किए गए। इसके साथ-साथ उन लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी जो GST का फायदा तो ले रहे थे लेकिन कंज्यूमर्स को उसका बैनिफिट पासऑन नहीं कर रहे थे। अरुण जेटली ने कहा कि अब ऐसे इंतजाम किए जाएंगे जिससे ऐसे कारोबारी जनता को GST का फायदा देने पर मजबूर होंगे। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि हम लकीर के फकीर नहीं हैं। शुक्रवार को अरुण जेटली ने जो कुछ कहा और GST काउंसिल में जो फैसले लिए गए वो इसी लाइन पर हैं और इसका स्वागत किया जाना चाहिए। (रजत शर्मा)