Sunday, November 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog । कोरोना महामारी: ऑक्सीजन और दवाओं के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी

Rajat Sharma’s Blog । कोरोना महामारी: ऑक्सीजन और दवाओं के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी

पिछले महीने से कोरोना वायरस की दूसरी लहर दिन- प्रतिदिन पूरे देश में पांव पसारती जा रही है। शुक्रवार को देशभर में कोरोना संक्रमण के  3,46,786 नए मामले सामने आए और इस घातक वायरस ने 2,624 लोगों की जान ले ली।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: April 24, 2021 18:04 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma- India TV Hindi
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

पिछले महीने से कोरोना वायरस की दूसरी लहर दिन- प्रतिदिन पूरे देश में पांव पसारती जा रही है। शुक्रवार को देशभर में कोरोना संक्रमण के  3,46,786 नए मामले सामने आए और इस घातक वायरस ने 2,624 लोगों की जान ले ली। 11 राज्य और लगभग सभी महानगर बुरी तरह से इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। मरनेवालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। इस महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक 1,89,544 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात बेहद गंभीर हैं, अस्पताल अभी-भी ऑक्सीजन की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। 

इस मुश्किल भरे हालात में जब चारों ओर मातम पसरा हुआ है, तो साथ में उम्मीद की किरणें भी नजर आ रही हैं। बेहद तेज गति से युद्धस्तर पर काम चल रहा है। रेलवे जो कि युद्ध के मोर्चों तक टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों को ले जाने का काम करती थी, आज देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक लिक्विड ऑक्सीजन टैंकरों को पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रही है। भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान जिनका उपयोग बॉर्डर पर सैनिकों और सैन्य साजो-सामान को एयरलिफ्ट करने के लिए होता है, आज ये विमान पूरे देश में ऑक्सीजन टैंकर ले जा रहे हैं। बेहतर प्रबंधन और मिले-जुले प्रयासों से हम हर अस्पताल को समय पर उसकी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकते हैं।

इस वायरस के खिलाफ जंग में केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। आर्म्ड फोर्स के सभी विंग,सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल, रेलवे, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बड़े  कॉरपोरेट्स.. सभी हाथ मिलाकर काम कर रहे हैं। ऑक्सीजन के टैंकरों को समय पर अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसके पॉजिटिव रिजल्ट दिखने लगे हैं। भय और दहशत का माहौल बनाने से हालात नहीं सुधरेंगे। केवल हिम्मत-साहस और मिलेजुले प्रयासों से हालात सुधर सकता है, और सुधार रहा है।

इंडिया टीवी पर शुक्रवार रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने आपको रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस को दिखाया जो विशाखापट्टनम से नागपुर, नासिक और उसके बाद मुंबई तक मेडिकल ऑक्सीजन ले जा रही है। बोकारो (झारखंड) से चली  एक और ऑक्सीजन एक्सप्रेस मेडिकल ऑक्सीजन लेकर आज सुबह लखनऊ पहुंच गई है। रेलवे राज्य सरकारों की जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन ले जाने के लिए रेक उपलब्ध करा रही है। यूपी सरकार जामनगर स्थित रिलायंस प्लांट से ऑक्सीजन चाहती है, जबकि आंध्र प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्य ओडिशा से ऑक्सीजन की मांग की है। दिल्ली सरकार ने ओडिशा के राउरकेला से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग की है।

भारतीय एयरफोर्स के जहाज खाली टैंकरों को ऑक्सीजन उत्पादन केंद्रों तक पहुंचा रहे हैं ताकि उन्हें भरकर रेल या सड़क मार्ग से शहरों में भेजा जा सके। एयरफोर्स के एसी-17 ग्लोब मास्टर ट्रांस्पोर्ट प्लेन ने शुक्रवार को 2 खाली ऑक्सीजन टैंकरों को इंदौर से जामनगर पहुंचाया। जहां स्थित रिलायंस इंडस्ट्री के प्लांट से ऑक्सीजन लेकर ये टैंकर सड़क मार्ग से इंदौर आएंगे, यानी इन टैंकर्स का एक तरफ का टाइम बचेगा।  

एयरफोर्स के ट्रांस्पोर्ट प्लेन ऑक्सीजन के भरे हुए टैंकर वापस नहीं ला सकते क्योंकि लिक्विड ऑक्सीजन को हवाई मार्ग से ट्रांस्पोर्ट नहीं किया जा सकता, लिक्विड ऑक्सीजन अति ज्वलनशील होती है। हैदराबाद से भी एय़रफोर्स के प्लेन के जरिए ऑक्सीजन के टैंकर्स को रीफिलिंग के लिए ओडिशा भेजा गया। गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से भी कल रात ग्लोबमास्टर प्लेन तीन खाली ऑक्सीजन के टैंकर लेकर पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुआ। इन टैंकरों के जरिए आने वाली ऑक्सीजन दिल्ली लाई जाएगी। ऑक्सीजन को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने सभी टैंकरों के लिए विशेष ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के प्रबंध किए हैं।

कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा त्रस्त 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधाननंत्री मोदी ने हर राज्य की मेडिकल ऑक्सीजन जरूरत का जायजा लिया। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि ऑक्सीजन टैंकर अगर एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहा हो तो उसे रोका न जाए। मोदी ने कहा, कि उन्होंने दवा कंपनियों को जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने तथा आयात करने के निर्देश दिया है और साथ में यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि हर अस्पताल और रोगी तक दवा पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने राज्यों को कॉर्डिनेटेड कमेटी बनाने के ले कहा है ताकि केंद्र की तरफ से भेजी गई ऑक्सीजन राज्यों के अस्पतालों में बिना किसी रुकावट के पहुंचाई जा सके। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे जीवन रक्षक दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें और साथ में राज्य सरकारों को यह भी ध्यान देना होगा कि लोगों में जरूरी सामान को लेकर डर न हो और लोग दवाओँ की पैनिक बाइंग न करें।

इस बीच रक्षा मंत्रालय ने ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट एयरलिफ्ट करने का भी फैसला किया है। ये प्लांट एक मिनट में 40 लीटर और एक घंटे में लगभग 2400 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं।   

शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने देश के बड़े ऑक्सीजन उत्पादक उद्योगपतियों से भी बात की। उद्योगपतियों में रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी, JSW के सज्जन जिंदल, JSPL के नवीन जिंदल, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सोमा मंडल, टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारी और कई दूसरी कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलकर जल्द से जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए कहा।

ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, वह उम्मीद जगाता है, वह अंधी सुरंग के आगे रोशनी की किरण के समान है। यह अचानक नहीं हुआ है, इसके पीछे पूरी प्लानिंग और को-ऑर्डिनेशन है। और जब सारी एजेंसियां इस तरह मिलकर काम करती हैं तो सिस्टम और सरकार के प्रति आम आदमी का भरोसा बढ़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगर कोरोना के खिलाफ हम मिलकर लड़ेंगे और आपसी खींचतान से बचेंगे तो संशाधनों की कमी नहीं होगी और इस लड़ाई के खिलाफ हम जीतकर रहेंगे।

जिस तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए प्राइवेट सेक्टर के लोग आगे आए हैं वह काबिले तारीफ है। नवीन जिंदल ने फ्री में ऑक्सीजन सप्लाई की बात कही, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पहले ही ऑक्सीजन की सप्लाई में मदद कर रहे हैं। टाटा ग्रुप भी ऑक्सीजन की कमी को खत्म करने के लिए जी जान से जुटा है। इससे उन लोगों को सबक मिल सकता है जो हर रोज अंबानी-अडानी पर सवाल उठाते हैं। उन्हें समझ आ जाना चाहिए कि देश पर जब कोई संकट खड़ा होता है तो देश के उद्योगपति जनता की मदद के लिए आगे आते हैं। ये उद्योग घराने ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए तो आगे आए ही हैं साथ में इन्होंने कोविड वैक्सिनेशन कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर गति देने के लिए भी हाथ मिलाया है क्योंकि पहली मई से 18 वर्ष से ऊपर की आयु वाले सभी भारतीयों को वैक्सीन मिल रही है। यह समय है जब अंबानी-अडानी पर सवाल उठाने वालों को देश के उद्योगपतियों के बारे में अपनी राय बदलनी चाहिए।   

लोगों को रोते देख, उनकी बातें सुनकर, उन्हें तकलीफ में देखकर दुख होता है। एक बेबसी सी महसूस होती है कि चाहकर भी लोगों की मदद नहीं कर पा रहे। कभी इस तरह का संकट आएगा तो किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, न तो केंद्र और न राज्य सरकारों ने यह अंदाजा लगा पाई कि संक्रमण इस गति से फैलेगा और चारों तरफ ऑक्सीजन और दवाओं के लिए त्राहिमाम मचेगा।

भारत एक विशाल और दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। भारत में जितने कोरोना संक्रमण के मामले आ चुके हैं वे दुनिया के कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा हैं। ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं को अस्पतालों और रोगियों तक पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और इन प्रयासों का परिणाम जल्द दिखेगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement