केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार रात को आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम की नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी की। यह कदम भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के मोदी सरकार 2.0 के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह इस मामले में ‘सरगना’ लग रहे हैं। यह एक ऐसा मामला था जिसमें चिदंबरम के बेटे के स्वामित्व वाली कंपनियों के जरिए रिश्वत का भुगतान और विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। अपनी अग्रिम जमानत याचिका के खारिज होने के बाद चिदंबरम 27 घंटों के लिए गायब हो गए थे।
गुरुवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू सीबीआई कोर्ट के जज के सामने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने चिदंबरम की ओर से पैरवी की, जबकि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई का पक्ष रखा। चिदंबरम के वकीलों ने कहा कि मामले में सह-आरोपी कार्ति चिदंबरम इस वक्त पर जमानत पर हैं, इसके अलावा 2 अन्य आरोपी इंद्राणी और पीटर मुखर्जी भी जमानत पर हैं, इसलिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को हिरासत में भेजने का कोई मतलब नहीं है।
चिदंबरम के वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि पूछताछ की कोई गुंजाइश नहीं थी क्योंकि चार्जशीट पहले ही तैयार की जा चुकी है। इन वकीलों का ये कहना था कि INX मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की तरफ से जो मंजूरी दी गई थी, उस पर केन्द्र सरकार के सचिव स्तर के 6 अधिकारियों की भी सहमति थी, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने की कभी कोशिश नहीं की गई।
सीबीआई की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने अपराध की गंभीरता पर विचार किया है और प्रथमदृष्टया चिदंबरम को दोषी पाया है, इसलिए अग्रिम जमानत की उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी।
तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है क्य़ोंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे और जवाब देने से बच रहे हैं। SGI ने कहा कि चिदंबरम ने इस पूरी साजिश में एक ‘प्रभावी भूमिका’ निभाई। उनका ये भी कहना था कि पिछले साल चिदंबरम ने सीबीआई और ईडी द्वारा पूछे गए सवालों को टाल दिया था।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने आरोपों को गंभीर बताते हुए चिदंबरम को पांच दिनों के लिए सीबीआई रिमांड में भेज दिया।
विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘इस मामले में जिस बड़ी रकम की हेराफेरी हुई, उसे देखते हुए और इसमें आरोपियों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले की गहराई से जांच की जरूरत है।’ जज ने सीबीआई से कहा कि ‘अभियुक्त (चिदंबरम) की व्यक्तिगत गरिमा को किसी तरह की ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। ’
इस पूरे मामले में अदालत का आखिरी फैसला चाहे जो भी आए, लेकिन एक बात साफ है कि चिदंबरम की गिरफ्तारी से देश की जनता को एक स्पष्ट संदेश गया है । संदेश यह है कि कोई भी, चाहे वह कितने भी ऊंचे आोहदे पर क्यों न हो, उसे भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और इसी तरह के अन्य मामलों में बख्शा नहीं जाएगा।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम शुरू की थी और अपनी चुनावी सभाओं में जोरदार ढंग से कहा था कि ‘जिसने भी देश को लूटा है उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।’ मोदी ने तब नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार की भूमिका और रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े संदिग्ध भूमि सौदों का जिक्र किया था। मोदी ने तब कहा था, ‘मैं 2014 से सबूत जुटा रहा हूं और चीजें अब सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। अब कोई जमानत पर है, तो कुछ लोगों को अदालतों से तारीखें मिल रही हैं। वे लोग आज अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। पिछले पांच सालों में मैं उन्हें जेल के दरवाजे तक लाया हूं। अब, मैं उन्हें सलाखों के पीछे करूंगा।’
कानून का डर अब आपराधियों के मन में बैठ गया है और जो लोग गलत कामों में शामिल रहे हैं, उन्हें अब उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 22 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड