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Rajat Sharma Blog: भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को आखिरकार जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: May 02, 2019 18:16 IST
Rajat Sharma Blog- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog

स्थाई सदस्य चीन के अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को आखिरकार जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया। चीन को फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और यहां तक कि दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के दबाव के आगे नरम रुख अपनाना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध लगाने वाली समिति की अध्यक्षता इंडोनेशिया ने की और उसी ने चीन से इस मुद्दे पर 'टेक्निकल होल्‍ड' को हटाने के लिए कहा। इस साल फरवरी में पुलवामा के जिस जघन्य आतंकी हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे उस हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ही था।

 
भारत 10 साल से अधिक समय से इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में आगे बढ़ा रहा था और आखिरकार इसको लेकर किए गए प्रयासों का फल मिला है।
 
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में आने के बाद मसूद अजहर किसी भी देश में नहीं जा सकता और दुनियाभर में उसकी संपत्ति जब्त होगी। जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर घाटी में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करने वाला संगठन है। संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगने के बाद जैश को आर्थिक मदद पहुंचाने वाले सभी स्रोत बंद हो जाएंगे क्योंकि इस आतंकी संगठन या इससे जुड़े किसी संगठन को पैसे ट्रांसफर किए जाने की स्थिति में मेजबान देश के खिलाफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
 
इस काम को अंजाम देने के लिए देश के विदेश मंत्रालय और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कठिन परिश्रम किया गया। मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए, उन्हें गुजरात में आमंत्रित किया और मित्रता बनाई। दोनों शीर्ष नेता अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों के दौरान अक्सर मिलते रहे हैं।
 
जब चीन ने तकनीकी आधार पर मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को वीटो किया था तो विपक्षी खेमे में उपहासी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि मोदी शी जिनपिंग से डरते हैं।
 
अब जाहिर है कि बुधवार की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी के लिए व्यक्तिगत जीत है, यह फैसला लोकसभा चुनावों के बीच में आया है और मोदी अपने मतदाताओं को बता सकते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी जैसी बड़ी ताकतें उनके साथ हैं और अब चीन भी इसमें शामिल हो गया है। यह देश की जनता और भारत सरकार के लिए बड़ी जीत है। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 1 मई 2019 का पूरा एपिसोड

 

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