जयपुर: राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए नौंवें दिन आंदोलन तेज कर दिया। मंगलवार को उनके परिजनों ने भी साथ में धरना दिया। रोडवेज कर्मी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, रोडवेज में नई भर्तियां करने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गत 17 सितम्बर से हड़ताल पर हैं।
राजस्थान रोडवेज वर्कस यूनियन के महासचिव किशन सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताली कर्मचारियों के परिजनों ने मंगलवार को सिंधी कैम्प बस स्टैंड पर धरना दिया। यह धरना सुबह से मध्यान्ह तीन बजे तक दिया गया। धरने में करीब 350 महिलाएं अपने बच्चों के साथ शामिल हुई। उन्होंने बताया कि हड़ताली कर्मचारियों को कांग्रेस, माकपा, सीपीआई (एमएल) सहित विभिन्न श्रमिक संगठनों, पीयूसीएल, जनवादी महिला समिति, विश्व विद्यालय कर्मचारी संगठन, अखिल किसान समिति, नागरिक जन मंच ने अपना समर्थन दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 52 डिपो के करीब 16 हजार रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण रोडवेज की करीब 4,700 बसों के पहिये लगातार नौंवें दिन भी थमे रहे। सरकार की ओर से हड़ताल खत्म कराने के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।
राठौड़ ने बताया कि निजी बस संचालकों यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर उन्हें लूटा रहे हैं। रोडवेज के हड़ताली कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के अनुसार सरकार जब तक उनकी मांगें नहीं मानेगी हड़ताल जारी रहेगी। आज आंदोलन को तेज करने के लिये कर्मचारियों के परिजनों सहित करीब 650 लोगों ने सिंधी कैंप पर धरना दिया।