जैसलमेर/जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के विधायक शुक्रवार दोपहर जयपुर से जैसलमेर पहुंचे। वे वहां अगला करीब एक पखवाड़ा बिताने की तैयारी के साथ गये हैं। विधायकों को लेकर जयपुर से रवाना हुए पांच चार्टर्ड विमानों में से एक में मुख्यमंत्री गहलोत भी सवार हुए। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि वह वापस आएंगे।
गहलोत ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि सरकार के कामकाज के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा क्योंकि वह और उनके मंत्री जयपुर में ही रहेंगे। उधर नयी दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों की अयोग्यता की प्रक्रिया से विधानसभा अध्यक्ष को रोकने वाले उच्च न्यायालय के 24 जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुये शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी विधायकों के साथ जैसलमेर पहुंचे। पार्टी ने दावा किया कि कांग्रेस, सहयोगी दलों तथा निर्दलीय विधायकों समेत करीब 100 लोगों ने उड़ान भरी। इससे पहले ये विधायक 13 जुलाई से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर स्थित फेयरमोंट होटल में रुके हुए थे। गहलोत खेमा राज्य विधानसभा के 14 अगस्त से शुरू हो रहे सत्र में संभावित विश्वास मत के लिए अपने विधायकों को एकजुट रख रहा है।
गहलोत ने अपना आरोप दोहराया कि आगामी विधानसभा सत्र की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का 'रेट’ (कीमत) बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों को धमकी भरे फोन आ रहे हैं। जैसलमेर हवाईअड्डे से विधायक कड़ी सुरक्षा के बीच शहर से कुछ किलोमीटर बाहर स्थित सूर्यगढ़ होटल के लिए बसों से रवाना हुए।
इससे पहले जयपुर में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक एकजुट रह सकें इसलिये उन्हें जैसलमेर ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की रणनीति है कि एक भी विधायक की खरीद-फरोख्त ना हो सके। जैसलमेर रवानगी से पहले जयपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा था कि हम जगह में बदलाव के लिए जैसलमेर जा रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय ने कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने का प्रयास है। गहलोत ने जयपुर हवाई अड्डे पर दो अंगुलियों से विजय की मुद्रा प्रदर्शित की, वहीं विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर चुटकी ली। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, ‘‘सब एक हैं, कोई खतरा नहीं है, लोकतंत्र है, सब ठीक है तो बाड़ेबंदी क्यों? और बिकाऊ कौन है? उनके नाम सार्वजनिक करो; बाड़े में भी अविश्वास! जयपुर से जैसलमेर के बाद आगे तो पाकिस्तान है।’’
एक और ट्वीट में पूनिया ने लिखा है कि कांग्रेस को टूट से बचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों को जैसलमेर ले गए, कहां तक भागेगी सरकार? वहीं संवाददाताओं से बातचीत में पूनिया ने कहा कि सरकार इस सत्र में भी विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दों का सामना नहीं कर पायेगी, हम पूरी तैयारी के साथ प्रदेश के आमजन के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो स्थिति राजस्थान में है, वह पार्टी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों के लिए आत्मघाती है।
कुछ खबरों के अनुसार पायटल समेत उनके खेमे के 19 विधायक भी दिल्ली के पास गुड़गांव के होटलों में डेरा डाले हैं। एक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एक दल को शुक्रवार को उन तीन होटलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी जहां वे दो विधायकों को नोटिस देना चाहते थे। एसीबी ने विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर गहलोत सरकार को गिराने के कथित षड्यंत्र के मामले में चल रही जांच में शामिल होने को कहा है।
पुलिस उपाधीक्षक सालेह मोहम्मद ने कहा, ‘‘दो होटलों के अधिकारियों ने हमें लिखित में दिया कि वे वहां नहीं ठहरे हैं, वहीं एक अन्य होटल के अधिकारियों ने कहा कि वह बंद है।’’ राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपील में कहा है कि बागी विधायक राज्य में अशोक गहलोत सरकार को गिराने के नापाक प्रयासों में गंभीरतम दलबदल में संलिप्त थे। दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने भी इसी तरह की याचिका दाखिल की थी।
इस बीच राजस्थान पुलिस का विशेष अभियान समूह (एसओजी) संजय जैन की आवाज के नमूने लेने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगने पहुंचा। जैन को कथित तौर पर एक टेप में गहलोत सरकार को गिराने की योजना बनाते हुए सुने जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। कांग्रेस ने भाजपा पर राज्य की सरकार को गिराने के लिए खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 सदस्य हैं जिनमें असंतुष्ट 19 विधायक शामिल हैं। वहीं भाजपा के 72 सदस्य हैं।