नई दिल्ली: राजस्थान के कई इलाकों में पिछले दो दिन से तेज बारिश हो रही है जिससे जगह-जगह पानी भरा हुआ है। दौसा में वाटर लॉगिंग की वजह से करीब पचास स्कूली बच्चों की जान मुश्किल में पड़ गई। दौसा के लालसोट इलाके में स्कूल की एक बस पचास बच्चों और टीचर्स को लेकर गुजर रही थी। आगे अंडरपास था जिसमें बारिश के कारण पानी भरा हुआ था। बस का ड्राइवर पानी की गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाया। उसने बस आगे बढ़ा दी और कुछ ही मीटर आगे बढ़ने पर बस पानी में आधी डूब गई। खिड़कियों से पानी बस के अंदर जाने लगा। लेकिन इसके बाद ड्राइवर ने समझदारी का काम किया। उसने हेल्पर की मदद से एक एक कर बच्चों को बस की छत पर चढा दिया।
बच्चों के साथ मौजूद उनकी टीचर भी छत पर पहुंच गई। बस पानी मे डूबी देख आसपास गांव के लोग इकट्ठा हो गए। अंडर पास के दोनों तरफ अच्छी खासी भीड थी अब सवाल ये था कि इन्हें निकाला कैसे जाए? सबसे पहले इन लोगों ने रस्सी के सहारे रेस्क्यू करने की कोशिश की। बच्चों के पास रस्सियां डाली गई...लेकिन इससे बात नहीं बनी।
रस्सियों का इस्तेमाल बाद मे बच्चों के बैग खींचने में हुआ। इसी दौरान गांव के कुछ युवक तैर कर गहरे पानी की तरफ बढे।.ये लोग बारी बारी से बस के पास आए...बस की छत पर मौजूद ड्राईवर और हेल्पर से एक एक कर बच्चों को नीचे उतारने के लिए कहा। इस तरह स्कूल बस की पिछली साइड से बच्चों को उतारा गया। ये नौजवान एक एक बच्चे को कंधे पर बैठाकर तैरते हुए पानी से बाहर ले आए। कुछ घंटो की मशक्कत के बाद इन बच्चों को इसी तरह ह्यूमन चेन बनाकर बचा लिया गया।