जयपुर: राजस्थान में ऐंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ये कर्मचारी पिछले दिन दिनों से वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। इसके चलते राज्य में लगभग 1,500 ऐंबुलेंस खड़ी हो गई हैं। राजधानी जयपुर में एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। जयपुर के एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई इस हड़ताल में प्रदेशभर के ऐंबुलेंस कर्मचारी शामिल हो गए हैं, जिसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
राजस्थान आपातकालीन ऐंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार के साथ मंगलवार को हुई वार्ता विफल रही। कर्मचारियों ने सरकार की ओर से 3 प्रतिशत के वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और सरकार ने कर्मचारियों की अन्य मांगें भी नहीं मानी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों और सामुदायिक चिकित्सा केन्द्रों पर 108 ऐंबुलेंस सेवा के लिये 730 ऐंबुलेंस, 104 एंबुलेंस सेवाओं के लिए 588 एंबुलेंस, और बेस ऐंबुलेंस सेवाओं के लिए 200 एंबुलेंस कार्यरत है। उन्होंने कहा,‘हमें सभी कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है और हमारा विरोध जारी रहेगा।’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने गत 16 मार्च को एक अधिसूचना के जरिए 108 आपातकालीन सेवाओं, 104 जननी एक्सप्रेस और बेस एंबुलेंस सेवाओं को रेस्मा के तहत आवश्यक सेवाएं घोषित कर दिया था। राज्य की लगभग 6,000 ऐंबुलेंस सेवाओं के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। सिंह ने कहा, ‘समझौते के अनुसार 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रावधान है और हम इस मामले को लंबे समय से उठा रहे हैं लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।’