मुंबई: साल 2008 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक होटल पर किए गए हमले के सिलसिले में नासिक जिले की एक अदालत ने बुधवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, ठाकरे पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा होने और नासिक जिले के इगतपुरी कस्बे में एक उत्तर भारतीय की ओर से चलाए जा रहे होटल पर हमले के लिए उकसाने का आरोप था।
इगतपुरी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने ठाकरे को बरी करते हुए बुधवार को कहा कि अभियोजन अपना यह आरोप साबित करने में नाकाम रहा कि मनसे प्रमुख ने घटना के लिए उकसाया। ठाकरे के अलावा, इस मामले में छह अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। लेकिन ठाकरे के मुकदमे को अलग कर चलाया गया और उनके खिलाफ पांच सरकारी गवाहों से पूछताछ की गई।
मनसे प्रमुख के वकील सयाजी नांगरे ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता (होटल मालिक) ने अपनी गवाही में कहा कि ठाकरे कथित घटना वाली जगह पर मौजूद नहीं थे। अभियोजन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर पाया, जिससे साबित हो कि हमले के लिए ठाकरे ने उकसाया था।’"