नई दिल्ली: राज्यसभा में आज विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में ग्रामीणों के घर गिराए जाने का विरोध कर रहे उनके पार्टी सहयोगी और उच्च सदन के सदस्य राज बब्बर पुलिस की कार्रवाई में कथित तौर पर घायल हो गए हैं।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल में नियम 267 के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अंबेडकर नगर जिले के धोडा गांव में ग्रामीणों के मकान उन्हें कोई कानूनी नोटिस दिए बिना गिराए गए हैं और इस कार्रवाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों के खिलाफ बल प्रयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के साथ राज बब्बर इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। वह पुलिस की कार्रवाई में घायल हो गए हैं और संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर सदस्य को कोई शिकायत है तो वह विशेषाधिकार नोटिस दे सकते हैं।
कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने तिवारी की बात से सहमति जताते हुए कहा कि राज बब्बर इस सदन के सदस्य हैं और फिलहाल वह ग्रामीणों के मकान गिराए जाने के विरोध में धरने पर बैठे हैं। उनकी सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बता दें कि अंबेडकरनगर जिले के डोंडो गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग में आने वाले मकानों को गिराए जाने के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर रविवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। उन्होंने पूरी रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर मछरदानी के सहारे सड़क पर बितायी।
कुरियन ने जानना चाहा कि क्या राज बब्बर को संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने से रोका जा रहा है। सदस्यों के इंकार करने पर उन्होंने कहा कि वह तिवारी का नियम 267 के तहत दिया गया नोटिस अस्वीकार करते हैं। सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि राज बब्बर एक साथ दोनों जगह.. धरना स्थल पर और संसद में मौजूद नहीं रह सकते। उन्हें यह तय करना होगा कि वह कहां उपस्थित रहना चाहते हैं।
कुरियन ने कहा कि अगर बब्बर धरने पर बैठे हैं तो वह राज्य सरकार से शिकायत करें। उनकी शिकायत राज्य सरकार सुने। लेकिन तिवारी ने कहा कि राज बब्बर को राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोका गया। तब कुरियन ने सदन में मौजूद संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से कहा कि वह लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री से इस बारे में पता करने को कहें और सदन को अवगत भी कराएं।
जदयू के शरद यादव ने मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित आयुध फैक्ट्री का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस फैक्ट्री की कुछ इकाइयों को बंद कर दिया गया है जिसके विरोध में वहां के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 41 आयुध फैक्ट्रियां हैं जो रक्षा से जुड़े 600 आइटम निर्मित करती हैं। लेकिन सरकार ने इनमें से 200 आइटम को आउटसोर्स कर दिया है। यादव ने कहा कि सरकार को वाहन निर्माता फैक्ट्री बंद किए जाने के विरोध में जारी हड़ताल पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि कुरियन ने उनके नोटिस को अस्वीकार कर दिया।