नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं। रविवार को बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में कम से कम 42 लोगों के मरने जबकि दर्जनों लोगों के लापता होने की खबर है। वहीं, यमुना और उसकी अन्य सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की चेतावनी जारी की गयी है। यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से 8.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद हरियाणा ने सेना से तैयार रहने का अनुरोध किया है।
मौत बनकर आई बारिश
हिमाचल प्रदेश में बारिश जनित घटनाओं में दो नेपाली नागरिक समेत कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए। वहीं, उत्तराखंड में बादल फटने के कारण 17 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए। पंजाब में भी तीन लोगों के मरने की खबर है। इसके अलावा दक्षिण भारत के केरल में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। मलप्पुरम के कवालप्पारा और वायनाड के पुथुमला में शवों का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल किया जा रहा है जहां हुए भयंकर भूस्खलन ने दो गांवों का नामो-निशान मिटा दिया था।
दिल्ली में बाढ़ का खतरा
दिल्ली में भी रविवार को बारिश हुई और यहां अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यमुना में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी है क्योंकि यमुना में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा समेत कई नदियां उफान पर हैं।
उत्तर प्रदेश में उफान पर नदियां
बदायूं, गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा और फर्रुखाबाद में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी तरह से पलियाकलां में शारदा नदी और एल्गिनब्रिज में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने और भूस्खलन होने से 17 व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि कई अन्य लापता हो गए। उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में कल और आज की मध्यरात्रि में बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आयी बाढ ने कई गांवों में तबाही मचायी जिससे आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गए।
हिमाचल प्रदेश में 22 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में रविवार को बारिश संबंधी घटनाओं में दो नेपाली नागरिकों समेत 22 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल 490 करोड़ रुपये की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को कांगड़ा के नूरपुर और सोलन के नालागढ़ उपमंडलों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बुला लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नौ व्यक्तियों की मौत शिमला में जबकि सोलन में पांच, कुल्लू, सिरमौर और चंबा में दो-दो व्यक्तियों की और उना तथा लाहौल स्पीति जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। शिमला और कालका के बीच ट्रेन सेवाएं भी बाधित हैं।
हरियाणा और पंजाब में हाई अलर्ट
हरियाणा और पंजाब में लगातार बारिश होने से रविवार को कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। अधिकारियों ने दोनों राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया है। पंजाब के एक गांव में बारिश के कारण एक घर की छत ढह जाने से तीन लोगों की मौत हो गई। ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक गांव में आयी बाढ़ के कारण फंसे हुए 11 लोगों को बाहर निकाला गया जिनमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। राजस्थान में अब बाढ़ का पानी घट रहा है और राज्य में बाढ़ जैसी कहीं कोई स्थिति नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 जून से बारिश जनित घटनाओं में 49 लोगों की मौत हो गयी और 500 लोगों को बारिश प्रभावित इलाकों से निकाला गया।
बंगाल और तमिलनाडु में राहत
पश्चिम बंगाल में शहरी इलाकों खासकर दक्षिण बंगाल के अधिकतर हिस्सों में दो से मूसलाधार बारिश के बाद अब स्थिति में सुधार हो रहा है। चेन्नई और इसके आस पास के भी कई हिस्सों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने वहां अगले दो दिन में बारिश होने की संभावना जतायी है। कर्नाटक में बारिश संबंधित घटनाओं में रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गयी। यहां 10 और लोगों के शव मिले जबकि 10 लोग अब भी लापता बताये जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि राहत एवं पुनर्वास का कार्य जारी है। राज्य के उत्तरी, तटीय और मलनाड क्षेत्र बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
पुणे में मरने वालों की संख्या बढ़ी
महाराष्ट्र के पुणे मंडल में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 56 हो गयी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अगस्त के दूसरे सप्ताह में आयी बाढ़ के कारण सांगली और कोल्हापुर प्रशासनिक मंडल के अंतर्गत पड़ने वाले पांच जिले और सोलापुर, पुणे एवं सतारा खंड के अन्य जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।