कालका से लेकर शिमला के बीच चलने वाली हेरिटेज टॉय ट्रेन का सफल अब और खूबसूरत होने वाला है। अब आप ट्रेन में बैठकर चारों ओर बर्फबारी का मजा ले सकेंगे। अब जल्द ही इस ट्रेन में पारदर्शी डिब्बे विस्टाडोम कोच जुड़ने जा रहे हैं। विस्टाडोम कोच के साथ ट्रेन का ट्रायल शनिवार को पूरा हो गया है। अब इस कोच के टॉय ट्रेन में जुड़ने की संभावना बढ़ गई है।
ट्रायल पूरा होने के बाद अब और भी विस्टा कोच आने का रास्ता साफ हो गया है। इस विशेष कोच को तैयार करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों हिमाचल दौरे के समय निर्देश दिए थे। एक विस्टाडोम कोच की लागत 10 लाख आई है। यह कोच पूरी तरह शीशे से बना है। फ्रेम बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। बड़ी खिड़कियों और शीशे की छत से चारों ओर का नजारा सीट पर बैठे ही देखा जा सकेगा। कोच में दो एसी लगे हैं। कोच की छत 12 एमएम शीशे की बनाई गई है। दरवाजों पर स्टील की रेलिंग लगाई गई है।
सूत्रों के अनुसार इस डिब्बे में सफर करने के लिए यात्रियों को 500 रुपए किराया चुकाना होगा। इसमें एक साथ 36 यात्री सफर कर सकते हैं। फिलहाल विस्टाकोच दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) में उपयोग में आ रहे हैं। वर्तमान में मुंबई से गोवा और विशाखापटनम से अरकू घाटी के बीच ब्राड गेज (बड़ी लाइन) पर भी विस्टाडोम कोच संचालित हो रहे हैं। बता दें कि यूनेस्को ने कालका-शिमला हैरिटेज ट्रेन को वैश्विक धरोहर का दर्जा दिया है। हर साल हजारों सैलानी इस ट्रेन के सफर में खूबसूरत नजारों का मजा लेते है। पारदर्शी डिब्बे होने के चलते लोग प्रकृति के नजारों को और अच्छे तरह से मजा ले सकेंगे।