नयी दिल्ली: राजधानी एवं अन्य सुपरफास्ट रेल गाड़ियों में रेलनीर की बजाए सस्ता पानी बेचने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने आज कहा है कि इसने केटरिंग कंपनियों की 17.55 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की है। जांच एजेंसी ने कहा है कि इसने इन कंपनियों की संपत्ति जब्त करने संबंधी औपबंधिक आदेश धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी कर दिये हैं। इनमें मेसर्स आर के एसोसिएट्स तथा होटेलियर्स प्राइवेट लिमिटेड , मेसर्स सत्यम केटररर्स प्राइवेट लिमिटेड तथा पांच अन्य कंपनियां शामिल हैं।
एजेंसी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘जांच के दौरान, यह स्पष्ट हो गया कि उपरोक्त लाइसेंसधारकों ने अन्य ब्रांडों के पैक किए गए पेयजल की ट्रेनों में आपूर्ति के बदले रेलवे विभाग से प्राप्त धनराशि का शोधन किया था, जो एक अपराधिक आय थी।’’ इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान सात लाइसेंस धारकों की चल संपत्ति की उनके बैंक खातों तथा सावधिक जमा राशि के रूप में पहचान की गयी और पीएमएलए के प्रावधानो के तहत उसे जब्त कर लिया गया।
जिन कंपनियों की पहचान की गयी थी उसमें मेसर्स आर के एसोसिएट्स एवं होटेलियर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ब्रंदावन फूड्स प्रोडक्ट लिमिटेड, मेसर्स सत्यम केटररर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स फूड वर्ल्ड, मेसर्स आर डी शर्मा, मेसर्स पी के डेलिकेसीज तथा मेसर्स दून केटरर शामिल है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकी के आधार पर निदेशालय ने एक केस दर्ज किया था।