अहमदाबाद: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने पर विवाद हो गया है। राहुल गांधी ने सोमनाथ मंदिर की विजिटर बुक में खुद को गैर हिंदू लिखा है। राहुल गांधी इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे प्रदेश के विभिन्न इलाकों में मंदिरों में जाकर पूजा भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल गांधी सोमनाथ मंदिर भी पहुंचे जहां विजिटर बुक में उन्होंने अपना नाम दर्ज कराया। सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं को प्रवेश से पहले एक प्रक्रिया पूरी करनी होती है जिसके तहत उन्हें रजिस्टर में नाम दाखिल कराना होता है। राहुल गांधी ने मंदिर में एंट्री से पहले यह प्रक्रिया पूरी की। वहीं इस खबर से बीजेपी को गुजरात चुनाव में एक नया मुद्दा मिल गया है। पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव में भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।
पटेल नहीं होते तो सोमनाथ मंदिर नहीं बनता:पीएम
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी की सोमनाथ यात्रा पर सवाल उठाया। सौराष्ट्र क्षेत्र के प्राची में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "अगर सरदार पटेल नहीं होते तो सोमनाथ में मंदिर नहीं होता। आज कुछ लोग सोमनाथ को याद कर रहे हैं।" राहुल को संकेत करके उन्होंने कहा, "मेरा उनसे सवाल है कि आप अपना इतिहास भूल चुके हैं। आपके परिवार के सदस्य हमारे प्रथम प्रधानमंत्री वहां मंदिर बनाए जाने के विचार से खुश नहीं थे।"
12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख है सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ का मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में समुद्र के किनारे स्थित है। 12 ज्योतिर्लिंगों में इसका प्रमुख स्थान है। इस मंदिर को सबसे पहले 1026 ई. में महमूद गजनी ने निशाना बनाया था। गजनी ने यहां जमकर लूटपाट मचाई थी और मंदिर को तहस-नहस कर दिया था। आजादी के बाद सरदार पटेल ने इस मंदिर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। सौराष्ट्र के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह ने 8 मई 1950 को इस मंदिर के पुनर्निमाण की आधार शिला रखी। 11 मई 1951 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सोमनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिग स्थापित किया। 1962 में नया सोमनाथ मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया। इस मंदिर पर 2003 में आतंकियों ने हमला भी किया था।
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