नई दिल्ली: जैसे-जैसे 2019 आम चुनाव पास आ रहे हैं कांग्रेस और बीजेपी नेता लोकसभा चुनावी मूड में आते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश समते पूरे देश में संयुक्त विपक्ष की संभावनाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को 2019 के आम चुनाव में जीत नहीं मिलेगी और संयुक्त विपक्ष के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हार सकते हैं। उन्होंने मौजूदा शासन के बुरी तरह हारने का अनुमान लगाते हुए विश्वास जताया कि अलग - अलग निजी और क्षेत्रीय हितों के बावजूद वह विपक्ष को साथ लाने और उन्हें बांधे रखने में कामयाब होंगे। कर्नाटक में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए छठे दौर की ‘ जन आशीर्वाद यात्रा ’ समाप्त करने के बाद राहुल यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। विपक्ष की एकता में विश्वास जताते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा 2019 के आम चुनावों में जीत से बहुत दूर है और यदि कांग्रेस, सपा और बसपा मिल जाऐं तो संभवत मोदी वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भी हार सकते हैं।
‘दलितों में गुस्से’’ के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा , ‘‘स्पष्ट तौर पर मैं भाजपा को अगला चुनाव जीतते नहीं देख रहा हूं, ऐसे में मुझे लगता है कि 2019 में हम सामान्य हालात में लौट जाएंगे।’’ राहुल ने कहा कि दो मूल बातें हैं, एकबार यदि विपक्ष की एकता एक निश्चित स्तर से ऊपर चली जाये तो उनके लिए चुनाव जीतना असंभव हो जाएगा। अब विपक्ष की एकता एक निश्चित स्तर पर पहुंच गयी है। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस तथा राकांपा द्वारा विपक्ष की एकता के लिए किए जा रहे प्रयासों का हवाला देते हुए राहुल ने सवाल किय , ‘‘वह (भाजपा) कहां पर सीटें जीतने वाले हैं?’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा पंजाब में भी हम जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आप उन्हें ऐसे भर - भरा कर गिरते हुए देखेंगे जैसा आपने पिछले कई वर्षों में नहीं देखा होगा।’’ सभी दलों और उनके नेताओं के अलग - अलग हितों के बीच संयुक्त विपक्ष के गठन के सवाल पर राहुल ने इन सभी बाधाओं को पार पाने का विश्वास जताया। उन्होंने कहा , ‘‘ हम इससे निपट लेंगे। कांग्रेस में हमें मालूम है कि लोगों को साथ लेकर कैसे चलना है, हम अहंकारी नहीं हैं, हम लोगों को कुचलते नहीं हैं और हम लोगों का जीवन बर्बाद नहीं करते हैं, ऐसे में हम संभाल लेंगे। ’’ उन्होंने कहा , मूल बात यह है कि ‘‘ श्रीमान मोदी और आरएसएस ने देश को जिस दलदल में धकेला है ’’ उसे वहां से बाहर कैसे निकाला जाये।
कांग्रेस अध्यक्ष ने तीसरे मोर्चे के गठन को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनावों के बाद मोदी के पास ‘‘ बहुत अच्छा अवसर था ’’, राहुल ने कहा कि देश के लिए काफी कुछ किया जा सकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में विपक्ष का गठबंधन तोड़ने के भाजपा के विश्वास को ‘‘ हास्यास्पद ’’ बताया। राहुल ने दावा किया कि वह उत्तर प्रदेश की राजनीति को समझते हैं। यदि सपा , बसपा और कांग्रेस साथ आते हैं तो ‘‘ भाजपा सिर्फ दो सीटें जीतेगी , वह भी भाग्य भरोसे। ’’ यदि तीनों पार्टियां साथ आती हैं तो मोदी शायद वाराणसी सीट भी हार जायें। उन्होंने कहा , ‘‘ मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह तीनों दलों के खिलाफ खड़े होकर दिखाएं। ’’ राहुल का कहना है कि कर्नाटक में लोग उनकी पार्टी के पक्ष में हैं और उन्हें 12 मई को होने वाले चुनाव में जीत जरूर मिलेगी। राहुल ने अपनी ‘‘ यात्रा ’’ का छठा चरण पूरा होने के बाद यह आकलन दिया है।
राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई। भाजपा प्रवक्ता अनिल बलुनी ने आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी उनके प्रति लोगों की बढती ‘‘ निराशा ’’ के कारण अपनी अपनी सीटों से हारेंगे। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को मोदी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए और उन्हें 2019 में अपने तथा सोनिया गांधी के चुनावी भविष्य की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा , ‘‘आज की परिस्थितियों को देखते हुए राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी अपनी अपनी सीटों क्रमश : अमेठी और रायबरेली से हारेंगे। उन्होंने अपने क्षेत्रों के लिए कुछ नहीं किया और उनके प्रति लोगों की निराशा बढती जा रही है। ’’