लंदन: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि डोकलाम के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध कोई ‘‘अलग मुद्दा’’ नहीं था बल्कि एक ‘‘घटनाक्रम का हिस्सा’’ था और यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सावधान रहकर पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते तो भारत इसे रोक सकता था। यहां अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम के मुद्दे को समग्र रूप में नहीं देखते। उन्होंने कहा, ‘‘वह डोकलाम को एक कार्यक्रम (इवेंट) की तरह देखते हैं।’’
लंदन स्थित थिंक टैंक में राहुल ने कहा, ‘‘डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है। यह एक घटनाक्रम का हिस्सा था, यह एक प्रक्रिया थी।’’ उन्होंने दावा किया कि ‘‘सच्चाई यह है कि चीनी आज भी डोकलाम में मौजूद हैं।’’ विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह ने पिछले महीने राज्यसभा को बताया था कि डोकलाम में चीन के साथ टकराव की जगह और इसके आसपास कोई नई घटना नहीं हुई है और इलाके में यथास्थिति बनी हुई है।
डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध पिछले साल 16 जून को तब आरंभ हुआ था जब भारतीय पक्ष ने इलाके में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था। यह गतिरोध 73 दिन बाद 28 अगस्त को खत्म हुआ था।
वहीं भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करना मुश्किल है क्योंकि वहां कोई ऐसी संस्था नहीं है जिसके पास सर्वाधिकार हो और वह सुप्रीम हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी के पास पाकिस्तान को लेकर गहरी सोच वाली कोई रणनीति नहीं है।
राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने विदेश दौरे में भारत के बारे में जो कुछ बोला, वह कहीं न कहीं उनकी अपरिपक्वता, अक्षमता को दर्शाता है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बर्लिन में राहुल गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया वय्क्त करते हुए कहा कि वह (राहुल गांधी) विदेश में भारत पर लांछन लगा रहे हैं और भारत और उसकी संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। उन्हें इसके लिए मांफी मांगनी चाहिए।