नई दिल्ली। कृषि उपज मंडी एक्ट (APMC) में बदलाव का कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है लेकिन कांग्रेस का यह विरोध उसी को फंसाता जा रहा है। 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अपनी उपज को APMC मंडी में बेचने की बाध्यता खत्म कर दी है, किसान अब जहां चाहे अपनी फसल बेच सकता है। कांग्रेस कह रही है कि इसके पीछे सरकार का मकसद न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खत्म करना है। हालांकि, खुद प्रधानमंत्री मोदी MSP की व्यवस्था को खत्म करने से इनकार कर चुके हैं।
आज कांग्रेस पार्टी APMC एक्ट को लेकर सरकार का विरोध कर रही है लेकिन 2013 में इसका समर्थन कर रही थी। इतना ही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए घोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने APMC एक्ट को खत्म करने की बात कही थी। केंद्र सरकार ने उसी घोषणा को लागू किया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।
कांग्रेस पार्टी से बर्खास्त किए जा चुके नेता संजय झा ने एक्ट में बदलाव के खिलाफ कांग्रेस के विरोध पर ही निशाना साध दिया है। संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है। संजय झा ने कहा है कि इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की एक ही सोच है।
लोकसभा में पास हुए कृषि विधेयक में APMC एक्ट में बदलाव की बात कही गई है और किसान को अधिकार दिया है कि वह अपनी उपज को कहीं भी बेच सकता है, उसे APMC मंडी में अपनी उपज बेचने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि सरकार के इस कदम के पीछे की मंशा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को हटाना है।