नई दिल्ली: सशस्त्र बलों के 71 सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने लद्दाख सीमा विवाद से निपटने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने को 'अवांछनीय एवं निंदनीय' करार दिया है। उन्होंने ऐसा विवादित बयान देने के लिए राहुल के 'मोटिवेशन' पर सवाल उठाया है। पूर्व सैनिकों ने यह भी याद दिलाया है कि डोकलाम गतिरोध के दौरान भी 'राहुल गांधी ने चीनी अधिकारियों से विवादास्पद मुलाकात की थी।'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध को लेकर बुधवार को आरोप लगाया था कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हो गए, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।
राहुल गांधी के इस विवादस्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सेवानिवृत्त सैनिकों ने अपने बयान में कहा, सबसे पहले तो हम हम ऐसे व्यक्ति के अवांछनीय एवं निंदनीय बयानों की निंदा करते हैं, जिसे यह अंदाजा नहीं है कि हमारे जवान दुनिया के सबसे दुर्गम एवं प्रतिकूल क्षेत्र में कैसे काम करते हैं। बयान में कहा गया, राहुल गांधी को 1962 को कभी नहीं भूलना चाहिए, जब देश का नेतृत्व उनके परदादा श्री जवाहरलाल नेहरू के अलावा कोई और नहीं कर रहा था। हम न केवल बिना तैयारी के मैदान में उतरे बल्कि हमें चीन के हाथों बेहद शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी, जबकि हमारे जवान बहादुरी से लड़े थे और चीन के जवान बड़ी संख्या में मारे गए थे।
उन्होंने कहा, हम भारतीय और चीनी बलों के बीच लद्दाख में सीमा पर मौजूदा गतिरोध के संबंध में राहुल गांधी के हालिया अवांछनीय ट्वीट तथा बयानों से बहुत चिंतित हैं। बयान में कहा गया, तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सैन्य महत्ता के मामलों को इस तरह तोड़ना-मरोड़ना अत्यंत निंदनीय है। निस्संदेह, इस प्रकार के बयान हमेशा हमारे उन सशस्त्र बलों का मनोबल और अदम्य साहस कमजोर करते हैं, जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर बल के रूप में जाना जाता है और जो आजादी के बाद से सक्रिय रहे हैं।
पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा कि हम सभी राहुल गांधी के राजनीतिक बयान से अपमानित महसूस कर रहे हैं। बयान जारी करने वाले पूर्व सैन्य दिग्गजों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संजीब बोरदोलोई, एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) एस. एस. सक्सेना और ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) दिनकर अदीब व अन्य शामिल हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान पर राहुल गांधी के पूर्व में दिए गए बयानों को पाकिस्तान सरकार एवं सेना ने इस्तेमाल किया और उनका समर्थन किया, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिला।