नई दिल्ली: भारत के लिए खास तौर पर तैयार किए गए अत्याधुनिक 36 राफेल विमान मीका, मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है। इन मिसाइलों की बेजोड़ मारक क्षमता से वायुक्षेत्र में भारतीय वायुसेना का दबदबा हो जाएगा। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा। राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से चीन और पाकिस्तान परेशान है। राफेल क्यों खास है? इसमें कौन सी घातक मिसाइलें लगी है? इसकी जानकारी हम आपके साथ इस खबर में साक्षा कर रहे है।
लक्ष्य को बिना देखे तबाह करने में मीटियोर की कोई दूसरी मिसाल नहीं
लक्ष्य को बिना देखे तबाह करने में मीटियोर मिसाइल की दुनिया में कोई दूसरी मिसाल नहीं है। मीटियोर मिसाइल को BVR की अगली पीढ़ी की मिसाइल (BVRAAM) कहा जाता है। कंपनी ने इस घातक मिसाइल को यूरोपीय देश ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के सामने उपस्थित खतरों को ध्यान में रखकर तैयार किया है।
इसका अर्थ यह भी है कि यह मीटियोर मिसाइल एशिया में भारत के अलावा किसी और देश के पास नहीं होगी। एडवांस सक्रिय रडार से निर्देशित होने वाली यह मिसाइल हर मौसम में हर किस्म के लक्ष्य को भेद सकती है।
हवा से मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल है स्काल्प
स्काल्प हवा से मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल है। यह जमीन पर स्थिर और बड़े ठिकानों को पूरी तरह से तबाह करने में अचूक है। पूर्व नियोजित बड़े हमलों के लिए यह उत्तम मिसाइल है। स्काल्प मिसाइल ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांस की वायुसेना का हिस्सा रही है। इस मिसाइल का इस्तेमाल खाड़ी युद्ध में भी किया गया था। नवनियुक्त वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि पड़ोसी देशों का मुकाबला करने के दौरान यह भारतीय वायुसेना की ताकत में अत्यधिक इजाफा करेंगे।
हवा से हवा में मार करने वाली मल्टी-मिशन मिसाइल माइका
माइका (MICA) हवा से हवा में मार करने वाली मल्टी-मिशन मिसाइल है। यह दुनिया की इकलौती मिसाइल है जिसमें सक्रिय रडार और इमेजिंग इन्फ्रारेड की विशेषता है, जो लक्ष्य को बिना देखे तबाह करने से लेकर लंबे समय तक क्लोज-इन डॉगफाइट को कवर कर सकते हैं। माइका की खास कुबियों के कारण इसे "साइलेंट किलर" का भी नाम दिया गया है।
इसके अलावा भारत को मिलने वाले राफेल विमानों में कुछ ऐसी खूबियां भी हैं, जो भारत सरकार ने वायुसेना की जरूरतों के आधार पर सिर्फ अपने देश के लिए हासिल की हैं। यानी अन्य देशों के लिए बाद में बनाए जाने वाले राफेल विमानों को उन सुविधाओं से लैस नहीं किया जाएगा।
भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे में यह शर्त सबसे अहम है। खास भारत के लिए राफेल को जिन युद्धक क्षमताओं से लैस किया गया है, उसमें इजरायली हेलमेट के उभार वाले डिस्प्ले, कई रडार वार्निग रिसीवर, कई लो बैंड जैमर, दस घंटे तक की फ्लाइट डाटा रिकार्डिग, इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम भी शामिल हैं।