रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि राफेल विमानों की संख्या में 126 से घटाकर 36 करने का निर्णय रक्षा अधिकारियों से चर्चा के बाद लिया गया। राफेल विमानों की संख्या घटाने को लेकर विपक्ष के प्रश्नों का जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं लिया है, बल्कि इसके लिए पूरी तरह से नियमों का पालन किया गया।
रक्षा मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री बिना एयरफोर्स से सलाह लिए खुद ही एयरक्राफ्ट की संख्या में कटौती का निर्णय ले सकते हैं। तो इसके जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। लेकिन इस मामले में भारत और फ्रांस के रक्षा अधिकारियों के बीच हुई विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा विमानों की खरीद का निर्णय आवश्यकता की तात्कालिकता के हिसाब से लिया गया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल सौदे से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को बाहर रखने के कारण पिछले यूपीए सरकार में शीर्ष पर बैठे लोगों से पूछा जाना चाहिए। यूपीए शासन में ही एचएएल और देसॉल्ट के बीच वार्ता हुई थी। यूपीए से इस मामले पर सवाल उठाया जाना चाहिए। सीतारमण ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि इस सौदे में कंपनी के चयन को लेकर भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है।