नई दिल्ली: वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आर. नांबियार ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल विमानों के संबंध में किया गया सौदा पहले के 126 विमानों के सौदे से 'बहुत बेहतर' है। उन्होंने कहा कि इस मामले में 'लोगों को गलत सूचनाएं' दी गई हैं। यह बयान कांग्रेस द्वारा राफेल सौदे करार में भाजपा सरकार पर चौतरफा हमला के बाद आया है। कांग्रेस सोमवार को इस मामले में एफआईआर और राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों को जब्त करने की मांग को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को पास गई थी।
दसॉ एविएशन द्वारा ऑफसेट साझेदार चुने जाने के मामले में उत्पन्न विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि लोगों को गलत सूचनाएं दी गई है। 30,000 करोड़ जैसा कुछ भी किसी भी एक पार्टी को नहीं दिया गया है। दसॉ के पास अकेले 6,500 करोड़ रुपये का ऑफसेट है। इससे ज्यादा और कुछ नहीं है।"
हाल ही में फ्रांस में राफेल उड़ाने वाले नांबियार ने मीडिया से कहा, "हमने पहले हमारे पास मौजूद सभी विमानों का मूल्यांकन किया। कुल मिलाकर यह बहुत अच्छा सौदा है। 2008 में किए गए सौदे की तुलना में बहुत अच्छा सौदा है।" उन्होंने कहा, "हमने छह मंचों पर देखा है और राफेल हमारी सभी जरूरतों को पूरा करता है। यह हमारे दृष्टिकोण से तकनीकी रूप से सबसे सक्षम और व्यवसायिक रूप से व्यवहार्य पाया गया। इसीलिए इसे चुना गया।"
इस संबंध में फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को करार में शामिल करने के लिए दबाव डाला, के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "वाणिज्यिक वार्ता डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टॉफ द्वारा की गई और वही इस वार्ता को पूरी करने के लिए जिम्मेदार थे।"
अधिकारी ने कहा कि वार्ता लगभग '14 महीने' चली। उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि हमने हमारे नेतृत्व के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया, जोकि बेहतर मूल्य, बेहत रखरखाव शर्त, बेहतर आपूर्ति और बेहतर परफॉर्मेस लॉजिस्टिक पैकेज के बारे में था।"
राफेल उड़ाने के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह भारतीय वायु सेना के लिए नई क्षमताओं को देखने का अवसर है। मुझे लगता है कि विमान को काफी अच्छे तरीके से निर्मित किया गया है। विमान में मौजूद सभी प्रणालियों से संतुष्ट हूं।"