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राफेल सौदे के तथ्य सार्वजनिक होने पर ही इसकी कीमतों पर बहस हो सकती है: SC

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमतों पर कोई भी बहस तभी हो सकती है जब इस सौदे के तथ्य जनता के सामने आने दिये जायें।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 14, 2018 14:42 IST
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज चार जनहित याचिकाओं पर अहम सुनवाई
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमतों पर कोई भी बहस तभी हो सकती है जब इस सौदे के तथ्य जनता के सामने आने दिये जायें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह निर्णय लेना होगा कि क्या कीमतों के तथ्यों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं।’’ पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि तथ्यों को सार्वजनिक किये बगैर इसकी कीमतों पर किसी भी तरह की बहस का सवाल नहीं है। हालांकि, पीठ ने अटार्नी जनरल को स्पष्ट किया कि यदि वह महसूस करेगी कि ये तथ्य सार्वजिनक होने चाहिए, तभी इनकी कीमतों पर बहस के बारे में विचार किया जायेगा।

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केन्द्र की ओर से जब अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बहस शुरू की तो पीठ ने 36 राफेल विमानों की खरीद के मामले में भारतीय वायु सेना के किसी अधिकारी से भी सहयोग का आग्रह किया है। पीठ ने कहा, ‘‘हम वायु सेना की जरूरतों पर विचार कर रहे हैं और हम राफेल विमान के बारे में वायु सेना के किसी अधिकारी से जानना चाहेंगे। हम इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी को नहीं बल्कि वायु सेना के अधिकारी को सुनना चाहते हैं।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि वायु सेना के एक अधिकारी कुछ मिनटों में ही यहां पहुंचने वाले हैं।

अटार्नी जनरल ने बहस के दौरान राफेल विमानों की कीमतों से संबंधित गोपनीयता के प्रावधान का बचाव किया और कहा, ‘‘यदि कीमतों के बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक कर दी गयी तो हमारे शत्रु इसका लाभ ले सकते हैं। विमानों की कीमतों के विवरण का खुलासा करने से इंकार करते हुये वेणुगोपाल ने कहा कि कीमतों के मुद्दे पर वह न्यायालय की और अधिक मदद नहीं कर सकेंगे।

अटार्नी जनरल ने कहा, ‘‘मैंने खुद भी इसका अवलोकन नहीं करने का निर्णय किया क्योंकि इसके लीक होने की स्थिति में मेरा कार्यालय इसके लिये जिम्मेदार होगा।’’ उन्होंने कहा कि यह विषय विशेषज्ञों के लिये है और, ‘‘हम लगातार कह रहे हैं कि इन विमानों की पूरी कीमत के बारे में संसद को भी नहीं बताया गया है।’’

उन्होंने कहा कि नवंबर, 2016 की विनिमय दर के आधार पर सिर्फ लड़ाकू विमान की कीमत 670 करोड़ थी। भारत ने अपनी वायु सेना को सुसज्जित करने की प्रक्रिया में उड़ान भरने के लिये तैयार अवस्था वाले 36 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से खरीदने का समझौता किया था। इस सौदे की अनुमानित लागत 58,000 करोड़ रुपये है।

वेणुगोपाल ने कहा कि पहले इन विमानों को जरूरी हथियार प्रणाली से लैस नहीं किया जाना था और सरकार की आपत्ति इस तथ्य को लेकर ही है कि वह अंतर-सरकार समझौता और गोपनीयता के प्रावधान का उल्लंघन नहीं करना चाहती।

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