नई दिल्ली. फ्रांस से भारत के पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था कल अंबाला पहुंच जाएगा। ये विमान कल फ्रांस से रवाना हुए और करीब सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। बीच में यह विमान फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके हैं।
वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायु सेना के समर्पित टैंकर की मदद ली गई। वायुसेना ने एक बयान में कहा, “विमानों के 29 जुलाई को अंबाला में वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की संभावना है अगर मौसम (परिस्थितियां) सही रहता है तो।”
भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। बीच में यह विमान फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके हैं।
फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने विमानों के भारत रवाना होने से पहले भारतीय वायुसेना के पायलटों से बातचीत में कहा, “आप इन्हें (राफेल को) बेजोड़ और बलवान दोनों कह सकते हैं।” अधिकारियों ने सोमवार शाम को कहा कि सभी पांच राफेल विमान करीब सात घंटे की उड़ान के बाद यूएई के अल दाफरा हवाईअड्डे पर सुरक्षित उतर गए हैं।
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं। इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है, जब इन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे ‘गोल्डन ऐरो’ भी कहा जाता है।
पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, “10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिये फ्रांस में ही रुकेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी।”