बेंगलुरु: एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि एलएसी पर राफेल विमानों की तैनाती से चीन की चिंता बढ़ गई है। उन्होनें बताया कि जब चीन के भारतीय सीमा के करीब अपने जे-20 फाइटर जेट्स को तैनात किया था उनके बाद भारत ने भी राफेल को उसके जवाब में सीमा पर तैनात कर दिया था। आरकेएस भदौरिया ने कहा कि हमें एलएसी पर जितनी फोर्स की आवश्यकता है हमने उसकी वहां तैनाती कर दी है।
एयर चीफ मार्शल ने बताया कि फिलहाल हम बातचीत पर ध्यान दे रहे है लेकिन अगर कोई नई स्थिती पैदा होती है तो हम उसके लिए तैयार हैं। IAF चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वे अपने जे -20 लड़ाकू विमान (पूर्वी लद्दाख के करीब के क्षेत्रों में) लाए थे और वे वहां से चले गए। जिस वक्त भारतीय राफल्स को सीमा पर लाया गया, चीन का जे-20 लड़ाकू विमान वहां था। हम चीन के एक्शन और उनकी क्षमताओं को जानते हैं।
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इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने हाल ही में कहा था कि भारतीय वायुसेना ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान कार्यक्रम की शुरुआत की है और इसमें छठी पीढ़ी की कुछ क्षमताओं को भी शामिल करने की योजना है। भदौरिया ने कहा था, ‘‘हमारा वर्तमान दृष्टिकोण पांचवीं पीढ़ी के विमानों में सभी नवीनतम प्रौद्योगिकियों और सेंसर को शामिल करना है।’’
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उन्होंने कहा था, ‘‘हमने थोड़ा विलंब से पांचवीं पीढ़ी के विमान पर काम करना शुरू किया। इसलिए तत्कालीन प्रौद्योगिकियों और सेंसर को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में शामिल किया जाएगा।’’ भदौरिया ने कहा कि वायुसेना को जब राफेल विमान प्राप्त हुए तो पहली प्राथमिकता इसे संचालित करने और वर्तमान लड़ाकू बेड़े से इसे जोड़ने की थी।
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