नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी रेलवे होटलों के आवंटन मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में पांचवीं बार आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुईं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री को अब सात नवंबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए सम्मन जारी किया गया है।
एजेंसी ने कुछ समय पहले लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्जा किया था। इसी हफ्ते राबड़ी के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। अब उन्हें 31 अक्तूबर को पेशी के लिए सम्मन जारी किया गया है।
तेजस्वी यादव से एक बार इस मामले में ईडी ने नौ घंटे तक पूछताछ की थी, लेकिन राबड़ी पांचवीं बार आज ईडी के सामने हाजिर नहीं हुईं। सूत्रों ने बताया कि राबड़ी ने पहले ही पेश नहीं हो पाने के लिए खराब स्वास्थ्य एवं छठ पूजा की सूचना दे दी थी।
जुलाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एवं अन्य की संपत्तियों की तलाशी ली थी। सीबीआई प्राथमिकी कहती है कि रेल मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी से बेनामी के माध्यम से पटना में एक बेशकीमती भूखंड के तौर पर रिश्वत हासिल करने के बाद 2004 में भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम की दो कंपनियों का रखरखाव उसे सौंप दिया था।
ईडी ने सीबीआई प्राथिमिकी के आधार पर उनके परिवार एवं अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने इस मामले में हाल ही में तेजस्वी और लालू प्रसाद का बयान दर्ज किया था।