Tuesday, November 05, 2024
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संत से कैदी नंबर 130 बने आसाराम की पहली रात, आधी रात में ताली बजाकर गा रहा था भजन

सजा पाने के बाद आसाराम ने पहली रात जोधपुर जेल के बैरक नंबर दो ही बिताई। जेल के DIG विक्रम सिंह के मुताबिक फिलहाल आसाराम को बैरक नंबर 2 में ही रखा गया है। हालांकि सुरक्षा की समीक्षा के बाद आसाराम को दूसरे बैरक में शिफ्ट करने पर भी विचार किया जा सकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 26, 2018 7:39 IST
Qaidi no 130 Asaram spends first night in Jodhpur jail singing bhajan- India TV Hindi
संत से कैदी नंबर 130 बने आसाराम की पहली रात, आधी रात में ताली बजाकर गा रहा था भजन  

नई दिल्ली: रेप केस में उम्रकैद की सजा पाने के बाद जोधपुर जेल में आसाराम की सजा शुरू हो गई है। आसाराम को जेल में अब नई पहचान मिली है। वैसे तो आसाराम पिछले करीब साढ़े चार साल से जोधपुर की सेंट्रल जेल में कैद है लेकिन कल की रात अलग थी। सजा पाने के बाद पहली रात आसाराम ने बड़ी मुश्किल से काटी। कैदी नंबर 130, जी हां नाबालिग से रेप केस में उम्र कैद की सजा पाने के बाद आसाराम की अब ये नई पहचान है। रेप केस में दोषी साबित होने और सजा सुनाए जाने के बाद अब आसाराम जोधपुर कोर्ट में सजायाफ्ता मुजरिम के तौर पर रहना शुरू कर दिया है। आसाराम अब तक जेल में संत की हैसियत से ही रह रहा था, लेकिन अब उसकी हैसियत एक सजायाफ्ता मुजरिम जैसी हो गई है और कल उसने सजायाफ्ता मुजरिम के तौर पर जेल में अपनी पहली रात बिताई है।

सजा पाने के बाद आसाराम ने पहली रात जोधपुर जेल के बैरक नंबर दो ही बिताई। जेल के DIG विक्रम सिंह के मुताबिक फिलहाल आसाराम को बैरक नंबर 2 में ही रखा गया है। हालांकि सुरक्षा की समीक्षा के बाद आसाराम को दूसरे बैरक में शिफ्ट करने पर भी विचार किया जा सकता है। वैसे तो आसाराम पिछले साढ़े चार साल से इसी बैरक नंबर में रह रहा है लेकिन कल की रात उसके लिए अलग थी क्योंकि यहां वो पहली बार एक सजायाफ्ता मुजरिम की तरह रहा था।

आसाराम के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल का बैरक नंबर दो अब तक आश्रम बना हुआ था। अब तक आसाराम जेल का खाना नहीं खाता था। उसके समर्थक उसके लिए आश्रम से खाना लाया करते थे। भक्तों की लाई टॉफियों और ड्राइफ्रूट को आसाराम प्रसाद के तौर पर जेल में बांटा करता था। कल रात आखिरी बार उसे अपने आश्रम का खाना मिला। अब आज से उसे दूसरे कैदियों की तरह जेल का ही खाना खाना पड़ेगा। हालांकि सूत्र बताते हैं कि आसाराम खाना ठीक से नहीं खा पाया। सूत्र ये भी बताते हैं कि आसाराम काफी देर रात तक जगा रहा और बीच-बीच में ताली बजाकर भजन भी गा रहा था।

जेल में कैदियों को सफेद कपड़ा दिया जाता है। वैसे आसाराम भी सफेद कपड़े ही पहनता है, लेकिन अब तक उसके कपड़े बाहर से आते थे। अब जेल नियमों के मुताबिक उसे कैदियों के लिए तय वर्दी पहननी पड़ेगी। कुल मिलाकर जेल में एक सजायाफ्ता मुजरिम के तौर पर आसाराम की पहली रात काफी मुश्किल भरी गुजरी है लेकिन अब उसके पास कोई चारा भी नहीं है। वैसे तो आसाराम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देने वाला है लेकिन जब तक कोर्ट से उसे कोई राहत नहीं मिल जाती तब तक उसे इसी तरह करवटें बदल-बदल कर जोधपुर जेल के बैरक नंबर दो में ऐसी कई रातें काटनी पड़ेंगी।

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