भोपाल: भोपाल केन्द्रीय जेल में कल राखी के मौके पर जेल कैदियों से मुलाकात करने आये मुलाकातियों में से दो बच्चों के चेहरों पर कथित रूप से भोपाल केन्द्रीय जेल की मुहर लगाई गई। यह मुहर जेल में कैदियों को मिलने आये आगंतुकों को प्रवेश के दौरान अमूमन हाथ पर लगाई जाती है। हालांकि, जेल प्रशासन का कहना है कि यह मुहर जान-बूझकर उनके गालों पर नहीं लगाई गयी थी। गलती से हाथ पर लगने की बजाय गाल पर लग गया होगा।
इसी बीच, मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने एक किशोरी सहित इन दो बच्चों के चेहरे पर लगाई गई इस मुहर पर आज संज्ञान लिया और यहां जेल महानिदेशक को नोटिस जारी करके जवाब मांगा। आयोग ने आज मीडिया में इन दोनों बच्चों के चेहरे पर मुहर लगी तस्वीर आने के बाद यह कार्रवाई की है।
भोपाल केन्द्रीय जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया, रक्षाबंधन के दिन जेल में कैदियों से मिलने के लिए तकरीबन 8,500 मुलाकाती आते हैं। कुछ महिलाएं एवं लड़कियां बुर्का पहनकर आती हैं। इसलिए गलती से मुहर हाथ की बजाय गाल पर लग गई हो। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जान-बूझकर नहीं लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि दरअसल, जेल में परिजनों को कैदियों से मिलने से पहले पहचान चिन्ह के लिए इस तरह की मुहर हाथ पर लगाई जाती है, ताकि कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर बाहर न निकल जाये। शरीर के अन्य अंगों की बजाय इस मुहर को हाथ पर इसलिए लगाते हैं, ताकि इसे बाद में आसानी से पानी से धोकर साफ किया जा सके।
नरगावे ने बताया, यदि भीड़ में एक के चेहरे पर गलती से मुहर लग गई हो, तो किसी पर क्या कार्वाई करें। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि पता चलेगा कि किसी ने जान-बूझाकर चेहरे पर मुहर लगाई है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।