चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर लगने वाले माल एवं सेवा कर (GST) में अपना हिस्सा छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यहां विधानसभा में यह जानकारी दी।
इस घोषणा के बाद राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र व जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि वह स्वर्ण मंदिर में लंगर में काम आने वाले जिंस पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त करे।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया, ‘स्वर्ण मंदिर के लंगर उत्पादों पर कोई जीएसटी (राज्य का हिस्सा) नहीं लगेगा। इसी तरह अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर और मलेरकोटला मस्जिद पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। हम धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते हैं।’
उनके इस बयान का विपक्षी दल के नेता सुखपाल सिंह खैरा (आप), परमिंदर सिंह ढींढसा (एसएडी), व सोम प्रकाश (भाजपा) ने स्वागत किया। राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर जीएसटी में केंद्र व राज्य का हिस्सा 50-50 प्रतिशत का है।
माल व सेवा कर (जीएसटी) का कार्यान्वयन जुलाई 2017 से हुआ। इसके बाद विभिन्न दरों में जीएसटी के भुगतान के चलते स्वर्ण मंदिर के प्रबंधन पर अब तक लगभग दो करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।