चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने पठानकोट ने लश्कर के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार कर कश्मीर घाटी में एक बड़े हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है। ये दोनों आतंकवादी आतंकी हमले के लिए घाटी में हथियारों की सप्लाई की फिराक में थे। इन दोनों के पास से 10 हैंड ग्रेनेड, एक एके47 राइफल, दो मैगजिन्स और 60 जिदा कारतूस बरामद किया है। इन दोनों की पहचान आमिर हुसैन वानी (26 साल) और वसीम हसन वानी (27 साल) के रूप में हुई है। दोनों कश्मीर के शोपियां जिले के रहनेवाले हैं।
ये दोनों पंजाब से कश्मीर घाटी में स्वचालित हथियारों और हथगोले के परिवहन में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। पुलिस ने इन्हें अमृतसर-जम्मू हाइवे पर एक नाके पर जांच के दौरान गिरफ्तार किया।
पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने यहां एक बयान जारी कर कहा, ‘‘दोनों पंजाब से कश्मीर घाटी स्वचालित हथियार और हथगोले ले जाने में सक्रिय रूप से शामिल हैं। पठानकोट पुलिस ने अमृतसर-जम्मू राजमार्ग के नाका पर एक ट्रक को रोका जिसके बाद उन्हें पकड़ा गया।’’ गुप्ता ने कहा कि ट्रक की जांच में हथियार और कारतूस पकड़े गए और आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि इशफाक अहमद डार उर्फ बशीर अहमद खान ने उन्हें पंजाब से हथियार लाने का निर्देश दिया था। डार पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस में सिपाही था।
डीजीपी ने कहा कि लश्कर- ए- तैयबा के दोनों आतंकवादियों के खुलासे के मुताबिक, डार को घाटी में आतंकवादी हमले करने के लिए इन हथियारों की आपूर्ति की जानी थी। उन्होंने कहा कि डार 2017 में फरार हो गया था और वर्तमान में वह कश्मीर घाटी में एलईटी का सक्रिय आतंकवादी है। पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि उन्होंने बृहस्पतिवार की सुबह अज्ञात लोगों से अमृतसर के सब्जी बाजार के नजदीक मकबूलपुरा-वल्लाह रोड पर हथियार लिए।
डीजीपी के मुताबिक, उन्होंने इन हथियारों को सब्जियों और फलों के लिए लाए गए ट्रक में छिपा दिया। वानी ने खुलासा किया कि ट्रक से पंजाब की अपनी पिछली यात्राओं में, उसने इश्फाक अहमद डार और रमीज राजा के इशारे पर हवाला के 20 लाख रुपये से अधिक की रकम इकट्ठा की थी, जो वर्तमान में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जम्मू-कश्मीर में जेल में बंद है। वानी ने खुलासा किया कि अमृतसर की पिछली यात्राओं के दौरान उसने पंजाब से हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के दो सशस्त्र आतंकवादियों को घाटी पहुंचाया था। वे दोनों अब मर चुके हैं। वानी ने उसका नाम पुलवामा निवासी हिजबुल मुजाहिदीन के सद्दाम अहमद पद्दार और जसीम अहमद शाह बताया। डीजीपी ने बताया कि पठानकोट के सदर थाने में विभिन्न अधिनियमों के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की आगे जांच की जा रही है। (इनपुट-भाषा)