नई दिल्ली। 14 अप्रैल को खत्म हो रहे लॉकडाउन को लेकर तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है। पीएम मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के दौरान यह सुझाव सामने आया है। दिल्ली, पंंजाब, उत्तर प्रदेश, ओडिशा समेत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने के लिए कहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बातचीत में लॉकडाउन को 30अप्रैल तक बढ़ाने का सुझाव दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पीएम मोदी को लॉकडॉउन बढ़ाने का सुझाव दिया है।
पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 3 अहम बातें रखीं। केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन कम से कम 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाए, यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए, अगर राज्य अपने स्तर पर फैसला करेंगे तो उतना असर नहीं होगा। अगर किसी तरह की ढील दी जाए तो किसी भी सूरत में ट्रांसपोर्ट नहीं खुलना चाहिए। ना रेल, ना सड़क ना एयर, जो जहां हैं वहीं रहें। लॉकडाउन बढ़ाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मानवीय और व्यवहारिक नजरिये से फैसला लें, हॉट स्पॉट्स और क्लस्टर की पहचान करके सील किया जाए।
ओडिशा देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन को सबसे पहले अपने राज्य में 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला लिया था। ओडिशा के बाद पंजाब ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। बता दें कि कोरोना को लेकर पंजाब सबसे पहले कर्फ्यू लगाने वाले राज्यों में रहा है। साथ ही उत्तराखंड में भी लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और संक्रमण और ज्यादा न फैले इसके लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से लॉकडाउन आगे बढ़ाने की मांग की है। भारत में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की। प्रधानमंत्री इस दौरान मुख्य रूप से मुख्यमंत्रियों से उनकी राय ले रहें कि संक्रमरण को रोकने के लिये 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं।
बैठक की सामने आई तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी संवाद के दौरान उजला मास्क पहनकर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे थे। संवाद में शामिल मुख्यमंत्रियों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि हैं। समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों के विचार प्राप्त कर लिये हैं। प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक शनिवार सुबह 11 बजे शुरू हुई।
ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है। पंजाब और ओडिशा ने पहले ही 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न आयामों को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है। वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।
लॉकडाउन लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री इस विषय पर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर रहे हैं । इससे पहले 2 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान मोदी ने उनसे लॉकडाउन से 'क्रमवार' तरीके से बाहर आने बारे में सुझाव मांगा था। विभिन्न राज्यों के रिपोर्ट के आधार पर पीटीआई के आंकड़ों के अनुसार, गुरूवार को रात 9.30 बजे देशभर में कोरोना वायरस से 7510 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि इसके कारण 251 लोगों की मौत हो चुकी है और 700 लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबब 8 बजे तक कोरोना वायरस संक्रमण के 7447 मामले सामने आए हैं जबकि 239 लोगों की मौत हो चुकी है। मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा था कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है । उन्होंने कहा था कि देश में स्थिति 'सामाजिक आपातकाल' जैसी है और कड़े निर्णय लेने की जरूरत है।