नई दिल्ली। कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री घोषित होने वाले नेता कमलनाथ पर 1984 के सिख दंगों को लेकर लगे आरोपों का जवाब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा है कि दंगों की जांच करने वाले नानावती आयोग की रिपोर्ट में नाम आने भर से दंगों में कमलनाथ के शामिल होने का अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि जब कमलनाथ पर पहली बार सिख दंगों में शामिल होने का आरोप लगा था तो उसके बाद वह 10 साल तक केंद्रीय मंत्री भी रहे। गौरतलब है कि कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किए जाने के बाद नानावती कमिशन रिपोर्ट का हवाला देते हुए उनका नाम 1984 के सिख दंगों में शामिल होने को लेकर लिया जा रहा है।
अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, इसके बाद देशभर में सिखों के खिलाफ दंगे हुए थे, जिसमें हजारों सिखों को मार दिया गया था। कांग्रेस के कई नेताओं पर दंगों में शामिल होने का आरोप लगा था।