चंडीगढ़. पंजाब के तीन जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पंजाब के अमृतसर, बटाला और तरन तारन जिलों में ये मौतें हुई हैं।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि मौत के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सामने आए। बृहस्पतिवार शाम अमृतसर के मुच्छल गांव में दो और लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी । तांगड़ा से ले जाए जाने के बाद अमृतसर के श्री गुरु राम दास अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
जहरीली शराब पीने के कारण बाद में मुच्छल गांव से दो और लोगों की मौत की सूचना मिली जबकि बटाला में दो अन्य लोगों की मौत हो गयी। डीजीपी ने बताया कि शुक्रवार को बटाला में पांच लोगों की मौत होने से शहर में मृतकों की संख्या सात हो गयी जबकि तरनतारन से चार लोगों की मौत की सूचना मिली।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत के मामले में जालंधर के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। बयान में कहा गया कि जांच में गौर किया जाएगा कि किस परिस्थिति में और किन वजहों से ये मौतें हुई।
संभागीय आयुक्त जालंधर के साथ ही पंजाब के संयुक्त आबकारी और कर आयुक्त तथा संबंधित जिलों के एसपी द्वारा जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त को त्वरित जांच के लिए प्रशासन या पुलिस के किसी भी अधिकारी या अन्य विशेषज्ञ का भी सहयोग लेने की छूट दी है।
बहरहाल, पुलिस ने मुच्छल गांव की निवासी बलविंदर कौर को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और आबकारी कानून के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने मामले में किसी की भी संलिप्तता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। शराब की अवैध इकाई का भी पता लगाने के लिए मुहिम चलाने का निर्देश दिया गया है।
बयान में कहा गया कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए चार लोगों- जसविंदर सिंह, कश्मीर सिंह, कृपाल सिंह और जसवंत सिंह का अंत्यपरीक्षण शुक्रवार को किया जाएगा । बटाला में मृत लोगों की पहचान बूटा राम, भिंडा, रिकू सिंह, काला, कालू, बिल्ला और जतिंदर के तौर पर हुई। तरनतारन के मृतकों की पहचान साहिब सिंह, हरबान सिंह, सुखदेव सिंह और धरम सिंह के तौर पर हुई।