चंडीगढ़: पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का फैसला लिया है। वहीं सीमावर्ती राज्य में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के कदम का विरोध करते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और पुलिस बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।
पानी का शुल्क 50 रूपए प्रतिमाह तय करने का भी फैसला
पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का फैसला किया। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस राहत की घोषणा की गई है। इस फैसले से राज्य पर करीब 1,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। मंत्रिमंडल ने इसके अलावा पानी का शुल्क 50 रूपये प्रतिमाह तय करने का भी फैसला किया।
ग्रुप-डी पदों के लिये नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी फैसला लिया गया
मंत्रिमंडल की बैठक की यहां अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘‘हम सभी शहरों में करीब 700 करोड़ रुपये के पानी के बकाया बिल को माफ कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गांवों में, पंचायतों के पानी के लंबित बिल भी माफ किए जाएंगे।’’ इस पर तकरीबन 1168 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। चन्नी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि ट्यूबवेलों में जलापूर्ति करने पर बिजली के जो बिल आएंगे उनका भुगतान राज्य सरकार करेगी। चन्नी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ग्रुप-डी पदों के लिये नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी फैसला किया है। ग्रुप-डी पदों में चपरासी, चालक आदि के पद आते हैं।
बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले का पंजाब मंत्रिमंडल ने किया विरोध
केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है। मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा, “हम इसके पूर्णत: खिलाफ हैं। कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। राज्य पुलिस, जो प्रदेश से आतंकवाद खत्म कर सकती है, वह किसी भी घटना को रोकने में सक्षम है।” इस कदम को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हम इसका विरोध करते हैं।” उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला प्रदेश सरकार से परामर्श के बगैर नहीं लिया जाना चाहिए था।
मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी- चन्नी
चन्नी ने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर जरूरत हुई तो एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। हम अन्य (राजनीतिक) दलों को भी (इस मुद्दे पर) साथ लेंगे।” उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। रविवार को शिरोमणि अकाली दल ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार को लेकर पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने केंद्र के कदम को “क्यों चुपचाप स्वीकार कर लिया?” प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे “संघवाद पर हमला” करार दिया था। सरकार ने केंद्र से फैसला वापस लेने की मांग की है।