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पुणे: ग्रामीणों और दलितों के बीच हिंसक झड़प, एक की मौत, जांच के आदेश

नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरेगांव भीमा, पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है।

Edited by: India TV News Desk
Updated on: January 03, 2018 12:05 IST
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ग्रामीणों और दलितों के बीच हिंसक झड़प, एक की मौत, जांच के आदेश

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में दंगा फैलाने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किया है। फड़नवीस ने कहा कि हिंसा फैलाने के लिए 15 हजार के बजाए दो से तीन लाख लोग आए थे जिसकी जांच के आदेश दिए गए। हाइकोर्ट के जज इसकी जांच करेगे। हिंसा के दौरान हत्या की जांच सीआईडी करेगी। अगर पुलिस की 6 कंपनियों को नहीं लगाया जा सकता तो बड़ी घटना हो सकती थी। हिंसा में मारे गए शख्स को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। फड़नवीस ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलाई जा रही है।

बता दें कि नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरेगांव भीमा, पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ जिसमें 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई।

हालात इतने ज्यादा खराब हो गए कि मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात करना पड़ा। पुणे में भड़की हिंसा की चिंगारी धीरे-धीरे अब पूरे महाराष्ट्र में फैलती जा रही है। इस विवाद का असर महाराष्ट्र के मुलूंड में भी देखने को मिला। घटना से नाराज लोगों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और जो दुकानें खुली थी उनको बंद करा दिया। महाराष्ट्र के मुलुंड, चेंबूर, औरंगाबाद, बुलढाणा, जालना, अहमदनगर, उस्मानाबाद और नांदेड़ में हिंसा की चिंगारी भड़क उठी है।

दरअसल यहां दलित संगठनों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया जा रहा था। बता दें कि 1 जनवरी 1818 में कोरेगांव भीमा की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी। इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे। इससे दो दिन पहले वढू बुद्रुक गांव में समाज के दो गुटों में विवाद हो गया था। इसी विवाद के चलते सोमवार को कोरेगांव भीमा परिसर में दोनों के बीच संघर्ष हुआ।

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