पुणे: पुणे के 30 साल के एक डॉक्टर ने कोविड-19 के एक बजुर्ग मरीज को बेहद नाजुक स्थिति में देखभाल केंद्र से खुद ही एम्बुलेंस चला कर अस्पताल पहुंचाने का काम किया। लोग उन्हें सच्चा ‘कोविड योद्धा’ मान रहे हैं। कोविड-19 देखभाल केंद्र में 71 वर्षीय मरीज के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरने के बाद डॉक्टर रंजीत निकम खुद ही एम्बुलेंस चला कर उन्हें ले गए और एक अस्पताल में भर्ती करवाया।
खुद एम्बुलेंस चलाकर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया
निकम ने बताया कि एम्बुलेंस चालक अचानक बीमार पड़ गया था और कोई भी तत्काल उसकी जगह एम्बुलेंस चलाने के लिए उपलब्ध नहीं हो सका। इसलिए उन्होंने एक अन्य डॉक्टर राजेंद्र राजपुरोहित के साथ मरीज को तत्काल चिकित्सा सेवा दिलाने के लिए एम्बुलेंस चलाकर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। मार्केटयार्ड क्षेत्र में स्थापित इस देखभाल केंद्र में यह बुजुर्ग मरीज निकम की ही निगरानी में थे।
मुझे बुजुर्ग मरीज के ऑक्सीजन स्तर गिरने की जानकारी मिली
उन्होंने बताया, ‘‘यह घटना सोमवार को तड़के दो बजे के आसपास हुई। मैं कोविड देखभाल केंद्र में था। तभी मुझे बुजुर्ग मरीज के ऑक्सीजन स्तर गिरने के बारे में जानकारी मिली। वरिष्ठ डॉक्टरों से बात करने के बाद मरीज को किसी बड़े अस्पताल में भेजने का निर्णय लिया गया।’’ उन्होंने बताया कि केंद्र के पास अपना एम्बुलेंस था लेकिन उसका चालक कुछ घंटे पहले बीमार पड़ गया था और उसे सलाइन चढ़ रहा था। वहीं दूसरे एम्बुलेंस चालकों को भी फोन किया गया लेकिन या तो फोन नहीं लग सका या वे आसपास नहीं थे।
निकम और राजपुरोहित सच्चे ‘कोविड योद्धा’
उन्होंने बताया कि मरीज की गिरती हुई स्थिति देखते हुए उन्होंने खुद ही एम्बुलेंस चलाने का निर्णय लिया। वह कुछ अस्पतालों में मरीज को लेकर गए लेकिन आईसीयू बिस्तर उपलब्ध नहीं हो सका। बाद में एक निजी अस्पताल में बिस्तर मिला और मरीज को भर्ती किया गया। उन्होने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है। कोविड-19 देखभाल केंद्र में भर्ती मरीज के बेटे ने निकम और राजपुरोहित की प्रशंसा करते हुए उन्हें सच्चा ‘ कोविड योद्धा’ बताया।