नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने अब तक के सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया जिसमें देश ने 37 बहादुर सपूतों को खो दिया। इंडिया टीवी के पास सूत्रों के हवाले से जो एक्सक्लूसिव जानकारी है उसके मुताबिक इस हमले के चार मुख्य किरदार हैं। सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमले का पहला किरदार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई है, दूसरा किरदार आईएसआई की सरपरस्ती में पल रहा जैश सरगना मसूद अजहर है, तीसरा किरदार आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाला अब्दुल रशीद गाजी है जो कि एक IED एक्सपर्ट है और इस हमले का चौथा किरदार फिदाईन हमलावर आदिल अहमद डार है।
ये अहमद डार ही था जिसने 200 किलो विस्फोटक से लदे अपनी कार को सीआरपीएम की गाड़ी में टक्कर मार दी और खुद के साथ-साथ ज्रवानों से भरी बस को भी धमाके से उड़ा दिया। इस हमले का पहला किरदार तो स्वाभाविक तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई है क्योंकि हिंदुस्तान की सरजमीं पर कोई भी आतंकी हमला हो उसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर आईएसआई का सपोर्ट रहता है और इस हमले को तो जैश चीफ मसूद के गुर्गों ने अंजाम दिया है तो इसमें आईएसआई के रोल से इंकार किया ही नहीं जा सकता।
हर हमले की तरह इस बार भी बेशर्म पाकिस्तानी हुकूमत ने वही रटा-रटाया बयान जारी कर इस हमले में पाकिस्तान के किसी भी रोल से इंकार किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘’कश्मीर के पुलवामा में हमला गंभीर चिंता की बात है। हमलोगों ने हमेशा ही घाटी में इस तरह की हिंसा की निंदा की है। हम भारत सरकार और मीडिया की तरफ से इस हमले के लिए पाकिस्तान को बिना किसी जांच के जिम्मेदार ठहराने की कोशिश को सिरे से खारिज करते हैं।‘’
खैर पाकिस्तान से इससे ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जा सकती क्योंकि वहां भले ही निजाम बदल गया हो लेकिन वहां की सरकार किस तरह आईएसआई और दहशतगर्दों की कठपुतली है ये किसी से छिपी नहीं है। जैश के फिदाईन दशतगर्द आदिल अहमद डार ने कुछ इसी अंदाज में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया था। जम्मू-श्नीनगर हाईवे से सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों का काफिला जा रहा था तभी अवंतीपोरा के पास पहले से एसयूवी कार में 200 किलो IED के साथ मौजूद आदिल ने कार को जवानों की गाड़ी से टकरा दी।
सूत्र बताते हैं कि जैश के आतंकियों ने आदिल अहमद के साथ मिलकर पूरे इलाके की रेकी की थी। यहां तक कि घाटी के जंगल में इस हमले का रिहर्सल तक किया गया था। स्थानीय लोगों से आतंकियों के पास सीआरपीएफ कॉनवॉय के मूवमेंट का इनपुट मिल चुका था। इसके बाद आतंकियों ने सबकी ड्यूटी तय कर दी थी, कौन कब कहां रहेगा।
सुरक्षा एजेंसियों को भी लोकल मुखबिरों से आतंकियों की हलचल की ख़बर मिल रही थी। सुरक्षा एजेंसियों को गाजी के भारत में घुसने से लेकर जैश के बड़े हमले की तैयारी तक की जानकारी थी। इन्हीं इनपुट के बाद 8 फरवरी को कश्मीर के सभी हाइवे को सैनिटाइज करने का अलर्ट भी जारी हुआ था। अलर्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां घाटी के हाईवे की सुरक्षा सख्त कर भी रहे थे लेकिन इन सबके बावजूद आतंकी को अवंतीपोरा के पास मौका मिल गया।