नई दिल्ली। पुलवामा हमले में NIA ने एक बड़ी गिरफ्तारी की है। NIA ने आज इस हमले में आतंकियों के सबसे बड़े मददगार शाकिर बशीर को गिरफ्तार किया है। शाकिर बशीर जैश का स्थानीय आतंकी है और उसने पुलवामा हमले के सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार को घर में पनाह और अन्य मदद की थी।
NIA की पूछताछ में शाकिर ने ये कबूल किया है कि आदिल डार उसके घर अपने साथियों के साथ रुका था और वहीं से उसने पुलवामा हमले की पूरी तैयारी की। जहां पर हमला हुआ था, वहीं शाकिर की दुकान थी, वहीं से शाकिर ने CRPF के काफिले की जासूसी की और आदिल डार को पूरी जानकारी दी थी। पूछताछ के लिए NIA ने शाकिर को 15 दिन की रिमांड में लिया है।
अधिकारियों के अनुसार शाकिर बशीर मार्गे की दुकान लेथपोरा पुल के समीप है और मोहम्मद उमर फारूक की सलाह पर उसने जनवरी, 2019 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ काफिले की आवाजाही की रेकी करनी शुरू की और उसने ही उसके (सीआरपीएफ के काफिले) बारे में मोहम्मद उमर एवं डार को बताया था। अधिकारियों के मुताबिक मार्गे ही फरवरी, 2019 में मारूति इको कार में बदलाव करने और उसमें देशी बम फिट करने में शामिल था।अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान हमले में इस्तेमाल की गयी कार की संरचना, मॉडल, नंबर का पता लगाने के लिए घटनास्थल से मिले उसके छोटे अवशेषों का फोरेंसिक परीक्षण किया और उससे सामने आया कि यह मारूति इको थी। बाद में मार्गे ने उसकी पुष्टि की। फोरेंसिक जांच से यह पता चला कि हमले में इस्तेमाल किये गये विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रो ग्लीसरीन और आरडीएक्स थे।
जांच से आत्मघाती बम हमलावर के आदिल डार अहमद होने की भी पुष्टि हुई। आत्मघाती के डीएनए अवशेष का उसके पिता से मिलान किया गया। इस हमले में शामिल अन्य अहम आतंकवादी जैश के संभागीय कमांडर मुद्दासिर अहमद खान, पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक और देशी बम विशेषज्ञ कमारान और कार के मालिक सज्जाद अहमद भट, कारी यासिर के रूप में हुई। मुद्दासिर अहमद खान पिछले साल 11 मार्च को सुरक्षाबलों के एक अभियान में मारा गया। मोहम्मद उमर फारूक और कामरान पिछले साल 29 मार्च को मारे गये। सज्जाद अहमद भट पिछले साल 16 जून को मारा गया। कारी यासिर इस साल 25 जनवरी को मारा गया।
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में जम्मू से आ रहे सीआरपीएफ के एक काफिले के वाहन से जैश आतंकवादी डार ने विस्फोटक लदा वाहन टकराकर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। मार्गे को शुक्रवार को जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। अदालत ने विस्तृत पूछताछ के लिए उसे 15 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया। मामले की जांच जारी है।
इनपुट- भाषा