नई दिल्ली/जम्मू। जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पुलवामा आतंकी हमले का वीडियो तैयार करने के लिए कहा था, जिसमें भारतीय सैनिकों के विकृत (क्षत-विक्षत) शरीर दिखें, ताकि इनकी मदद से कश्मीरी युवाओं को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके। जेईएम कमांडरों ने मार्च 2019 में सुरक्षा काफिले पर पुलवामा जैसे एक और हमले की भी योजना बनाई थी और यहां तक कि इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावर) की पहचान भी की गई थी। लेकिन 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद योजना विफल हो गई।
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जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में दायर एक 13,800 पन्नों के आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा किया गया। इस आरोप पत्र में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक (आईसी 814 फ्लाइट अपहरणकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा) के साथ 19 लोगों के नाम शामिल हैं। जांच से जुड़ी एक शीर्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूख ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था।"
अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर को 'शहीद' करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कहा गया था। अधिकारी ने कहा कि जेईएम आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी।
संदेशों को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में प्रवेश के बाद इस्तेमाल किया था। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बालाकोट हवाई हमलों के कारण इस योजना को समाप्त कर दिया गया था। अधिकारी ने कहा कि यह अदालत में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का हिस्सा है।
पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी। एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जेएम आतंकवादियों को एक अन्य एनआईए अधिकारी ने कहा कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था, जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थी।
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अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में जैश कमांडर आदिल को कश्मीरी युवकों का समर्थन हासिल करने के लिए वानी की तरह ही शहीद के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहते थे। चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलवामा हमले के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खुलासा फारूक और पाकिस्तान में एक जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत में हुआ। इस बातचीत (चैट) की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।
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एनआईए की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था। चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत में धकेला जा सके।
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